Bihar Assembly Election Result: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है, शुक्रवार को मतगणना के दौरान सामने आए रुझानों में जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन एक बार फिर से सरकार बनाने की तैयारी कर रहा है. बिहार चुनाव में नीतीश कुमार की JDU सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकी बीजेपी ने भी कुछ सीटों के अंतर से बराबरी की टक्कर दी. बिहार में जेडीयू कार्यकर्ताओं एक बार फिर नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. चुनाव नतीजे जैसे-जैसे सामने आते गए, जेडीयू कार्यालय में जश्न और भी जोरों-शोरों से मनाया जाने लगा. बिहार में एनडीए को 200 के करीब सीटें मिलती नजर आ रही है, जिसमें से सबसे अधिक नीतीश कुमार के खाते में आती दिखाई दे रही है. आखिर ऐसा क्या है जिसकी वजह से बिहार की जनता ने एक बार फिर नीतीश कुमार को अपना लीडर चुना.
नीतीश कुमार की बंपर जीत के पांच बड़े कारण
- महिलाओं के लिए खोला खजाना: बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले ही नीतीश सरकार ने महिलाओं के लिए खजाना खोल दिया था, जिसका उनकी पार्टी को फायदा मिला. नीतीश सरकार ने आतिथि शिक्षक, जीविका दीदी समेत अन्य महिलाओं के खाते में योजना के तहत सीधे 10000 रुपये ट्रांसफर किया. हालांकि विपक्ष ने इसका विरोध किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
- महिलाओं में नीतीश की लोकप्रियता: बिहार में मतदान के बाद सामने आए एग्जिट पोल्स के मुताबिक नीतीश कुमार को महिलाओं का भर-भरकर वोट मिला. बिहार की 40.3 फीसदी महिलाओं ने नीतीश को मुख्यमंत्री के तौर पर पसंद किया.
- जनता के करीब नजर आए नीतीश: विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार मीडिया से दूर नजर आए, लेकिन जनता के करीब रहे. उन्होंने चुनाव के दौरान मीडिया से बात नहीं की, जिससे विपक्ष को भी उन्हें घेरने का मौका नहीं मिल सका. बिहार के वोटर्स ने नीतीश पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को भी सीधे नजरअंदाज कर दिया.
- महिलाओं को सत्ता में हिस्सेदारी: बिहार में महिला लीडरशिप के मुद्दे पर लंबे समय से काम कर रहीं, शाहिना परवीन के अनुसार बिहार की महिलाएं अब जाति, भाषा और स्कीम की भाषा नहीं बोलतीं. नीतीश कुमार ने सिर्फ उन्हें लाभकारी योजनाएं ही नहीं दीं, बल्कि सत्ता में हिस्सेदारी भी दी. जिसकी वजह से वो महिलाओं के चहेते सीएम बन गए.
- 2025 में भी शराबबंदी का दिखा असर: जब 2016 में नीतीश सरकार ने बिहार में शराब पर बैन लगाया था, तो महिलाओं ने खुशी-खुशी उनके फैसले का स्वागत किया. सर्वे के मुताबिक इस फैसले से घरेलू हिंसा में 35% कमी, महिलाओं की बचत में 22% वृद्धि हुई, जिसका फायदा नीतीश को भी मिला.
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