बिहार: हाल ही में लोक सभा के बाद राज्यसभा से महिला आरक्षण बिल को पास कर दिया गया। हालांकि, महिला आरक्षण बिल पर बात करते हुए राजद (RJD) के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने एक कविता सुनाई थी। अब, मनोज झा की एक कविता ने बिहार की सियासी पारा को हाई कर दिया है। राजद नेता भी मनोज झा के बयान का विरोध कर रहे हैं।
मनोज झा ने राज्यसभा में पढ़ी थी कविता
महिला आरक्षण बिल पर बात करते हुए मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता पढ़ी थी।
''चूल्हा मिट्टी का मिट्टी तालाब की तालाब ठाकुर का, भूख रोटी की रोटी बाजरे की बाजरा खेत का खेत ठाकुर का, बैल ठाकुर का हल ठाकुर का हल की मूठ पर हथेली अपनी फसल ठाकुर की, कुआँ ठाकुर का पानी ठाकुर का खेत-खलिहान ठाकुर के गली-मोहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या? गाँव ? शहर ? देश ?''
चेतन आनंद ने किया विरोध
मनोज झा के इस कविता के बाद बिहार सहित पूरे देशभर में बवाल मच गया है। राज्यसभा सांसद पर किसी एक जाती को टारगेट करने का आरोप लगाया जा रहा है। झा पर राजद के ही विधायक चेतन आनंद ने निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ''हम "ठाकुर"हैं! सबको साथ लेकर चलते हैं! समाजवाद में किसी एक जाती को टारगेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन के अलावा कुछ नहीं! जब हम दूसरों के बारे में गलत नहीं सुन सकते तो अपने(ठाकुरों)पर अभद्र टिप्पणी बिल्कुल नहीं बर्दाश्त करेंगे!''
आनंद मोहन ने भी मनोज झा पर साधा निशाना
झा के इस बयान का पूर्व सांसद आनंद मोहन ने भी विरोध किया है। आनंद मोहन ने मनोज झा पर जमकर हमला बोला है। एक इंटरव्यू के दौरान आनंद मोहन ने बिना नाम लिए मनोज झा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ''आप क्यों नहीं बोलते कि अपने अंदर के ब्राह्मण को मारो। लोग इतिहास पढ़ते हैं। हम इतिहास गढ़ने वाले लोग हैं।''
उन्होंने आगे कहा कि बात महिला बिल पर चल रही थी और बात ठाकुरों पर शुरू हो गई। बीच में कहां से आ गया ठाकुर? आनंद मोहन ने ये भी कहा कि अगर मै राज्यसभा में होता तो मुंह से जीभ खींच लेता।
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संजय सिंह ने मनोज झा का किया सर्मथन
आम आदमी के नेता संज सिंह ने मनोज झा के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने एक्स पर मनोज झा को टैग करते हुए लिखा, संसद में मेरे साथी @manojkjhadu जी की कविता को लेकर कोई विवाद न किया जाय ठाकुर उन्होंने खुद को भी बोला है।मनोज भाई एक नेक इंसान और कभी किसी समाज के ख़िलाफ़ दुर्भावना से नहीं बोल सकते। उनकी द्वारा पढ़ी गई कविता पर अनावश्यक विवाद करना ठीक नहीं।''