गुरुग्राम में जेल में बंद एक युवक ने फांसी लगाई तो पुलिस सवालों के घेरे में आ गई. लॉकअप में हुई मौत को अब मर्डर केस माना जा रहा है. चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है और उन्हें पुलिस लाइन ट्रांसफर कर दिया गया. पुलिस हिरासत में मरने वाले आसिफ इकबाल के परिवार का आरोप है कि चार पुलिसकर्मियों ने उससे चार लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. उन्होंने धमकी दी थी कि अगर वो पैसे नहीं देता है तो वो पुलिस एनकाउंटर में मारा जाएगा.
क्या है पूरा मामला?
राजस्थान के भिवाड़ी के रहने वाले 22 साल के आसिफ इकबाल पर चोरी के कुल 8 मामले दर्ज थे. उसे शुक्रवार को फर्रुखनगर इलाके से गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद उसे क्राइम ब्रांच में रखा गया था. पुलिस के दावे के मुताबिक आसिफ ने दोपहर 3 बजकर 45 मिनट पर लॉकअप में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया. पुलिस ने बताया कि आसिफ ने रजाई के कवर से खुद को फांसी लगाई थी, जो उसे ठंड में ओढ़ने के लिए दी गई थी. जैसे ही पुलिस ने आसिफ को सीलिंग से लटका हुआ देखा, वो उसे तुरंत अस्पताल ले गई. डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. आसिफ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उसकी शरीर पर हल्की चोटें मिली हैं और विसरा की जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है.
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परिवार ने पुलिस पर लगाए आरोप
आसिफ के परिवार ने आरोप लगाया कि 24 दिसंबर को जब उसे पकड़ा गया तो मामला निपटाने के लिए पुलिस ने 4 लाख रुपए की डिमांड की. उन्होंने कहा कि जब तक डिमांड पूरी नहीं की गई, तब तक आसिफ को गैर कानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया. परिवार ने आगे बताया कि 4 पुलिसकर्मियों ने ये भी कहा कि अगर चार लाख नहीं है तो दो लाख ही भेज दो, वरना आसिफ का एनकाउंटर कर देंगे. इससे पहले शनिवार को परिवार ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग करते हुए आसिफ का शव लेने से इनकार कर दिया. काफी देर तक हंगामा जारी रहा , जिसके बाद मृतक के चाचा की शिकायत दर्ज कर फर्रुखनगर में तैनात एक ASI समेत चार पुलिसकर्मियों पर एक्शन लिया गया. फिलहाल मामले की जांच जारी है.
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