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IND vs AUS टेस्ट सीरीज के बीच Umesh Yadav पर टूटा दुखों का पहाड़, पिता के निधन से सदमे में क्रिकेटर

Umesh Yadav Father Death: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव पर दुखों का पहाड़ टूटा है। उनके पिता तिलक यादव का निधन हो गया है। उमेश यादव भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी सीरीज का अहम हिस्सा थे। पिता के निधन के बाद उमेश यादव का बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में […]

IND vs AUS Umesh Yadav Father Tilak Yadav passed away
Umesh Yadav Father Death: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव पर दुखों का पहाड़ टूटा है। उनके पिता तिलक यादव का निधन हो गया है। उमेश यादव भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी सीरीज का अहम हिस्सा थे। पिता के निधन के बाद उमेश यादव का बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में टीम इंडिया का हिस्सा बने रहने की संभावना नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उमेश जल्द ही पिता के अंतिम संस्कार के लिए घर के लिए रवाना होंगे। बताया जा रहा है कि उमेश के पिता का निधन 22 फरवरी को हुआ है, उनकी उम्र 74 साल थी। बेटे को क्रिकेट बनाने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की थी। उमेश को पहले दो टेस्ट मैचों की प्लेइंग 11 में जगह नहीं मिली थी। अब पिता के निधन के बाद बाकी बचे 2 टेस्ट मैचों में भी उनके खेलने की कोई संभावना नहीं है। और पढ़िए‘वह टीवी पर ओवरवेट दिखता है…’ रोहित शर्मा की फिटनेस पर कपिल देव ने उठाया सवाल

कोयले की खरान में काम करते हुए बेटे को बनाया था क्रिकेटर

उत्तर प्रदेश में जन्मे उमेश के पिता तिलक यादव ने अपने बेटे को कोयले की खदान में नौकरी करते हुए इंटरनेशनल क्रिकेटर बनाया था। एक छोटी सी नौकरी होने के बाद भी बेटे के सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यूपी के देवरिया से नौकरी की वजह से वह नागपुर आए थे। और पढ़िएइंदौर टेस्ट के लिए दर्शकों में खतरनाक क्रेज, पल भर में बिक गईं सारी टिकटें

पिचा चाहते थे बेटा सरकारी नौकरी में जाए,

उमेश यादव का जन्म महाराष्ट्र के नागपुर में 25 अक्टूबर 1987 को एक गरीब परिवार में हुआ। उनके पिचा चाहते थे कि बेटा सरकारी नौकरी करे। इसके लिए उमेश ने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद सरकारी नौकरी के लिए ट्राई किया, वह फौज और पुलिस भर्ती में असलफ हुए। इसके बाद पिता के काम में हाथ बटाने लगे और क्रिकेट खेलते रहे और आज एक नाम क्रिकेटर हैं। बेटे को इस मुकाम तक पहुंचाने में पिता तिलक ने बहुत मेहनत की थी। और पढ़िएखेल से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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