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‘मुझे कभी गेंदबाज नहीं बनना चाहिए था…’ WTC फाइनल से ड्रॉप होने पर छलका अश्विन का दर्द

नई दिल्ली: आर अश्विन की क्रिकेट के प्रति प्रतिबद्धता किसी से कम नहीं है। भारत के विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल हारने के एक दिन बाद 36 वर्षीय ने अपने परिवार को छोड़कर, लंदन से पहली उड़ान भरी, ताकि वह कोयंबटूर में तमिलनाडु प्रीमियर लीग में डिंडीगुल ड्रैगन्स में शामिल हो सकें। क्रिकेट के प्रति अश्विन […]

नई दिल्ली: आर अश्विन की क्रिकेट के प्रति प्रतिबद्धता किसी से कम नहीं है। भारत के विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल हारने के एक दिन बाद 36 वर्षीय ने अपने परिवार को छोड़कर, लंदन से पहली उड़ान भरी, ताकि वह कोयंबटूर में तमिलनाडु प्रीमियर लीग में डिंडीगुल ड्रैगन्स में शामिल हो सकें। क्रिकेट के प्रति अश्विन का प्यार सब जानते हैं। लेकिन अश्विन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन फाइनल में ड्रॉप होने से निराश हैं।

फाइनल में प्लेइंग इलेवन से बाहर किए गए अश्विन

भारत इंग्लैंड के ओवल में खेले गए फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गया। मैच में भारत की खामियों की चर्चा हो रही है। मगर सबसे ज्यादा ये सवाल उठ रहे हैं कि फाइनल में टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज को जगह क्यों नहीं दी गई। दुनिया के नंबर एक टेस्ट गेंदबाज अश्विन फाइनल में बेंच पर बैठे हुए थे। जिस वजह से टीम इंडिया पर सवाल भी खूब उठे थे। अब खुद अश्विन ने फाइनल में प्लेइंग इलेवन से बाहर किए जाने पर पहली बार बात की।

फाइनल में खेलना चाहता था-अश्विन

अश्विन ने कहा कि वे फाइनल में खेलना चाहते थे, मगर ऐसा नहीं हुआ। हालांकि वो इससे निराश नहीं हैं। उनका मानना है कि ये उनके लिए सेटबैक नहीं था। अश्विन ने कहा कि वो फाइनल में खेलना चाहते थे, क्योंकि उन्होंने भी टीम इंडिया को फाइनल तक पहुंचाने में अपना अहम योगदान दिया था। अश्विन ने कहा कि वो उन्हें 48 घंटे पहले ही पता चल गया था कि वो बाहर होने वाले हैं।

मुझे कभी गेंदबाज नहीं बनना चाहिए था

एक सवाल का जवाब देते हुए अश्विन ने कहा 'यह एक सच्ची कहानी है और मैं किसी बनावटी चीज से बात नहीं करता। एक दिन मैं भारत-श्रीलंका का मैच देख रहा था और भारत की गेंदबाजी चरमरा गई थी। मेरे पसंदीदा सचिन तेंदुलकर थे, और वह जो भी रन बनाते थेह म गेंद से उन रनों को लीक कर देते थे। मैंने एक दिन सोचा मुझे गेंदबाज होना चाहिए। क्या मैं मौजूदा गेंदबाजों से बेहतर नहीं हो सकता? यह सोचने का बहुत ही बचकाना तरीका है लेकिन मैंने ऐसा ही सोचा और इसलिए मैंने ऑफ स्पिन गेंदबाजी शुरू की। यहीं से इसकी शुरुआत हुई। हालांकि, कल जब मैं संन्यास लूंगा, तो सबसे पहले मुझे इस बात का पछतावा होगा कि मैंइ तना अच्छा बल्लेबाज था, मुझे कभी गेंदबाज नहीं बनना चाहिए था।' ऑफ स्पिनर ने अभी तक 92 टेस्ट, 113 वनडे और 65 टी20 मुकाबले खेले । इस दौरान उन्होंने क्रमश: 474, 151 और 72 विकेट चटकाए हैं। अश्विन ने अपने क्रिकेट करियर का आगाज तो बतौर बल्लेबाज किया था, मगर बाद में उन्होंनेअपने हाथ में गेंद थाम ली।  


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