नई दिल्ली: केरल के रहने वाले भारतीय एथलीट मुरली श्रीशंकर ने गुरुवार को बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में इतिहास रच दिया। वह राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुषों की लंबी कूद में रजत पदक जीतने वाले भारत के पहले एथलीट बन गए। 23 वर्षीय चैंपियन ने 8.08 मीटर की लंबी कूद के साथ उपलब्धि हासिल की।
जहां बहामास के रहने वाले लाक्वान नायर ने स्वर्ण पदक जीता, वहीं दक्षिण अफ्रीका के जोवन वैन वुरेन ने टूर्नामेंट में कांस्य पदक हासिल किया। हालांकि श्रीशंकर ने गोल्ड मेडलिस्ट लाक्वान नायर के बराबर छलांग लगाई, लेकिन इसके बावजूद श्रीशंकर को सिल्वर मिला। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि लकुआन की सेकेंड बेस्ट छलांग श्रीशंकर की सेकेंड बेस्ट छलांग से बेहतर रही। लकुआन की दूसरी सर्वश्रेष्ठ छलांग 7.98 मीटर की रही, वहीं श्रीशंकर की दूसरी सबसे अच्छी छलांग 7.84 मीटर की रही। श्रीशंकर ने इतिहास रचते ही दुनिया को मुरीद बना लिया है। हालांकि उनकी सफलता की इस कहानी में कई संघर्ष शामिल रहे हैं।
Murali Sreeshankar couldn't compete and nearly died after his appendix burst just before the 2018 CWG. The 23-year-old from Palakkad has returned to win 🥈 in the men's long jump at the 2022 CWG. In his 2nd last effort he jumps 8.08m – same as Laqan Nairn but loses on countback. pic.twitter.com/MRS2FrmR1Z
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अपेंडिक्स फट गया था
दरअसल, मुरली श्रीशंकर सीडब्ल्यूजी 2018 से चूक गए थे। इससे ठीक पहले उनका अपेंडिक्स फट गया था। वे लगभग मौत के मुंह में पहुंच गए थे, लेकिन इस खिलाड़ी ने फाइटर की तरह उस पर विजय पाई और दोबारा तैयारी शुरू की। उन्हें इस बीमारी से पार पाने के लिए सर्जरी से भी गुजरना पड़ा। इसके बाद वे एक के बाद एक प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर आगे बढ़ते रहे। स्पोर्टस्टार के अनुसार, श्रीशंकर सुरेश बाबू (कांस्य), अंजू बॉबी जॉर्ज (कांस्य), और एमए प्रजुषा (रजत) के बाद भारत के चौथे लंबी कूद पदक विजेता हैं, जिन्होंने क्रमशः सीडब्ल्यूजी में 1978, 2002 और 2010 में जीत हासिल की थी।
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