नई दिल्ली: भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स के पांचवें दिन लॉन बॉल्स में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा। भारतीय टीम की महिलाओं ने फाइनल मैच में दक्षिण अफ्रीका को 17-10 से शिकस्त दी। टीम इंडिया ने इस खेल में 22 साल बाद गोल्ड मेडल जीता है। गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम में लवली चौबे, पिंकी, नयनमोनी सेकिया और रूपा रानी शामिल हैं। देश इस उपलब्धि पर गौरवान्वित है।
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गोल्ड जीतने के बाद पिंकी सिंह ने कहा, मैं अवाक हूं, लेकिन उत्साहित हूं। मैं अभी इस भावना को नहीं समझ सकती क्योंकि यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है। 11 साल पहले हम महज 1 अंक से हार गए थे। अब हमें गोल्ड मेडल मिल गया। वहीं टीम की अन्य सदस्य रूपा रानी टिर्की ने कहा, मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है। जब हम पोडियम पर गए और राष्ट्रगान बजाया गया, तो हमारे रौंगटे खड़े हो गए।
हमने इसके बारे में कभी नहीं सोचा था, लेकिन आज यह संभव हो गया है। नयनमोनी सैकिया ने कहा, जब साउथ अफ्रीका ने 1-1 की बराबरी की तो हमारा मनोबल थोड़ा नीचे चला गया, लेकिन हमने उम्मीद नहीं खोई। हमने एक दूसरे से बात की और कहा कि हम गोल्ड मेडल को मुमकिन बना सकते हैं। हम एक समय में एक पॉइंट सुरक्षित करेंगे और इस बराबरी से आगे निकलेंगे। आखिरकार हमने यह कर दिखाया।
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भारतीय लॉनबॉल टीम में शामिल 38 वर्ष की लवली चौबे झारखंड पुलिस में कांस्टेबल हैं, जबकि रूपा रानी टिर्की रांची से ही हैं और खेल विभाग में कार्यरत हैं। लवली पहले सौ मीटर की फर्राटा धाविका थीं, जबकि नयनमोनी भारोत्तोलक थीं। इन दोनों को चोट के कारण लॉनबॉल में आना पड़ा। वहीं टीम में शामिल नयनमोनी सेकिया और पिंकी असम पुलिस में कॉन्स्टेबल हैं।
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