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Commonwealth Games 2022: इस बार कम हो सकते हैं भारत के मेडल, ये रही सबसे बड़ी वजह…

Commonwealth Games 2022: 28 जुलाई से बर्मिंघम में 2022 का कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत हो रही है। इन खेलों में लगभग 72 देशों के 5000 से ज्यादा एथलीट 19 प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने जा रहे हैं। भारतीय दल में कुल 215 खिलाड़ी शामिल किए गए हैं, जो अलग-अलग खेलों में दम दिखाते हुए नजर आएंगे। […]

Commonwealth Games 2022: 28 जुलाई से बर्मिंघम में 2022 का कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत हो रही है। इन खेलों में लगभग 72 देशों के 5000 से ज्यादा एथलीट 19 प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने जा रहे हैं। भारतीय दल में कुल 215 खिलाड़ी शामिल किए गए हैं, जो अलग-अलग खेलों में दम दिखाते हुए नजर आएंगे। भारतीय दल में 107 महिला प्लेयर्स भी शामिल हैं। वैसे तो भारतीय ग्रुप बेहद मजबूत नजर आ रहा है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि भारतीय टीम इस बार 2018 का प्रदर्शन दोहरा पाएगी? ये सवाल इसलिए भी है क्योंकि इस बार भारत के मेडल कम हो सकते हैं, इसके पीछे एक बड़ी वजह है। आइए आंकड़ों के जरिए समझते हैं।

ये रही सबसे बड़ी वजह...

इस बार भारत के मेडल कम हो सकते हैं। इस आशंका के पीछे सबसे बड़ी जो वजह है इन गेम्स से निशानेबाजी का बाहर होना है। दरअसल, इस बार राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी को हटा दिया है। ये वही खेल है, जिसमें भारत सबसे ज्यादा मेडल जीता करता था, चूकि अब इसे हटा दिया गया है तो इस बार मेडल टैली में भारत थोड़ा नीचे रह सकता है। आंकड़े भी इस ओर इशारा करते हैं कि कहीं पिछली बार की अपेक्षा इस बार कम मेडल आएं।

35 फीसदी गोल्ड शूटिंग में आए

अगर आप इतिहास के पन्नों को पलटकर देखेंगे तो कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने सबसे ज्यादा मेडल शूटिंग में ही जीते हैं। अब तक भारत ने कॉमनवेल्थ खेलों के इतिहास में टोटल 181 गोल्ड मेडल जीते हैं, जिनमें से 63 गोल्ड शूटिंग से आए हैं, यानी कि 35 फीसदी।

पिछली बार शूटिंग में आए 16 पदक

2018 में कॉमवेल्थ गेम्स गोल्ड कोस्ट में हुए थे, जहां भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 66 पदक जीते थे। इन पदकों में शूटिंग बड़ा योगदान था, क्योंकि लगभग 25 फीसदी मेडल इसी गेम में आए थे। निशानेबाजी में भारत ने सात गोल्ड समेत 16 पदक अपने नाम किए थे। निशानेबाजी के अलावा तीरंदाजी भी इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स का पार्ट नहीं है।

तीरंदाजी को भी नहीं किया गया शामिल

साल 2010 के बाद तीरंदाजी को कॉमनवेल्थ गेम्स में स्थान नहीं मिला है। भारत ने साल 2010 में नई दिल्ली में आयोजित गेम्स के तीरंदाजी इवेंट्स में तीन स्वर्ण सहित आठ पदक जीते थे। इन दोनों खेलों के बाहर होने से भारतीय दल के खिलाड़ियों को ज्यादा मेडल लाने के लिए शानदार खेल दिखाना पड़ेगा।

इस बार कुश्ती-बॉक्सिंग में मेडल्स की उम्मीद

शूटिंग की गैरमौजूदगी में भारत को सबसे ज्यादा पदकों की उम्मीद कुश्ती से है। कॉमनवेल्थ में भारत ने अबतक शूटिंग और वेटलिफ्टिंग के बाद कुश्ती में ही सबसे ज्याद मेडल (102) जीते हैं। चौंकाने वाली बात यह थी कि 2014 के ग्लासगो खेलों में भारत ने शूटिंग से भी ज्यादा गोल्ड मेडल कुश्ती में जीते थे।


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