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Asian Games 2023: ‘खेल में राजनीति की जगह नहीं…,’ भारत के ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद भी क्यों उठे सवाल?

Asian Games 2023: हांगझोउ खेलों में भारत ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 107 मेडल जीते। पर इसके बावजूद कुछ सवाल उठने लगे हैं।

Bajran Punia
चीन के हांगझोउ में हुए 19वें एशियन गेम्स के बाद जहां हर तरफ भारतीय खिलाड़ियों और भारतीय दल की वाहवाही हो रही है। उसी बीच कुछ सुर विपरीत भी उठने लगे हैं। दरअसल इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बावजूद कुछ सवाल उठ रहे हैं। यह सवाल उठ रहे हैं रेसलिंग में भारत के निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर। खासतौर से बजरंग पूनिया का कोई भी मेडल नहीं जीतना भारत के लिए सबसे बड़ा ड्रॉबैक रहा है। हालांकि, 107 मेडल जीतकर भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास जरूर रचा लेकिन कहीं ना कहीं अगर रेसलिंग में दम दिखता तो यह टैली और सुंदर दिख सकती थी। इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार ठहराया जा रहा है करीब पिछले 10 महीनों में जारी रहे विवादों और धरना प्रदर्शन जैसे मुद्दों को।

क्या था पूरा विवाद?

अगर पूरे विवाद की बात करें तो भारत के कई पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न जैसे आरोप लगाए थे। उनकी गिरफ्तारी की मांग करते हुए लगातार बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक जैसे देश के स्टार रेसलर्स सड़कों पर बैठे नजर आए। महीनों तक यह विवाद जारी रहा। अंत में विनेश और बजरंग जैसे रेसलर्स को ट्रायल से भी छूट मिल गई। एशियाड से पहले घुटने की चोट के कारण विनेश बाहर हो गईं, साक्षी इन खेलों में उतरी नहीं और बजरंग कोई भी मेडल नहीं जीत पाए। इससे साफ नजर आता है कि इसका प्रमुख कारण रहा वो धरना। यह भी पढ़ें:- Asian Games 2023: कबड्डी से क्रिकेट तक की ‘Golden Journey’, एक दिन में 6 गोल्ड जीतकर रचा इतिहास वहीं इन खेलों से पहले WFI के इलेक्शन सही समय पर नहीं करवाने के कारण यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती महासंघ को भंग भी कर दिया था। इन सभी विवादों के बाद निश्चित ही पहलवानों की मानसिक दशा सही नहीं था और इसका नतीजा दिखा मेडल टैली में रेसलिंग के निराशाजनक प्रदर्शन से। फैंस ने इसी को लेकर सवाल उठाए और सोशल मीडिया पर अलग-अलग रिएक्शन दिए। कई लोगों ने कहा कि खेल को राजनीति से अलग रखना चाहिए। स्पोर्ट्स बॉडीज के अंदर पॉलिटिक्स नहीं होनी चाहिए। ऐसे कई सवाल सोशल मीडिया पर उठ रहे हैं। ज्यादातर लोगों ने रेसलिंग के प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त की।

ब्रजभूषण का बयान आया सामने

जहां सोशल मीडिया पर कई सवाल उठे वहीं पूर्व WFI चीफ ब्रजभूषण ने भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि रेसलिंग में जो ब्रॉन्ज आए हैं वो गोल्ड हो सकते थे। उन्होंने कहा कि, भारतीय रेसलिंग पिछले 10 महीनों में काफी डिस्टर्ब हुई। इन मेडलों को जीतने में महासंघ और परिवार का बहुत अहम योगदान होता है। उन्होंने साफतौर पर धरना प्रदर्शन को रेसलिंग के निराशाजनक प्रदर्शन का जिम्मेदार ठहराया। रेसलिंग में भारत को एक सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज समेत कुल छह मेडल मिले।


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