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Ravindra Jadeja के फ्लॉप शो पर संजय मांजरेकर का तीखा बयान, बोले- उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे जड्डू

Sanjay Manjrekar Jadeja: रविंद्र जडेजा का प्रदर्शन हेडिंग्ले में खेले गए पहले टेस्ट मैच में कुछ खास नहीं रहा। जड्डू पूरे मैच में सिर्फ एक ही विकेट निकाल सके।

Ravindra Jadeja
Sanjay Manjrekar Jadeja: टीम इंडिया के लिए इंग्लैंड दौरे का आगाज अच्छा नहीं हुआ है। हेंडिग्ले में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम को इंग्लैंड के हाथों 5 विकेट से हार का मुंह देखना पड़ा। इंग्लिश बल्लेबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 371 रनों के लक्ष्य को चेज कर डाला। जसप्रीत बुमराह को छोड़कर भारतीय गेंदबाज दोनों ही पारियों में बुरी तरह से फेल रहे। रविंद्र जडेजा ना तो बल्ले से कोई कमाल दिखा सके और ना ही उनकी गेंदबाजी कुछ खास रही। जडेजा के फ्लॉप शो से भारत के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर काफी निराश नजर आए।

जडेजा को लेकर क्या बोले मांजरेकर?

संजय मांजरेकर ने स्टार स्पोर्ट्स के साथ बातचीत करते हुए कहा, "देखिए मैं प्रसिद्ध कृष्णा की ज्यादा आलोचना नहीं करना चाहूंगा। जाहिर तौर पर प्रसिद्ध को अभी अपनी गेंदबाजी में कुछ सुधार करने होंगे, लेकिन मैं जडेजा के प्रदर्शन से खासा निराश हूं, क्योंकि यह फाइनल डे की पिच थी। जडेजा के लिए पिच में रफ मौजूद था, जिसका वो फायदा उठा सकते थे। हां, कुछ चांस बने थे, पर हम जडेजा से और ज्यादा बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं। यह इंग्लिश कंडिशंस वाली पिच नहीं थी। मुझे लगता है कि जडेजा ने बेन स्टोक्स के खिलाफ रफ का ठीक तरह से इस्तेमाल नहीं किया। वहीं, डकेट के खिलाफ वह काफी देर से आए। अनुभवी गेंदबाजों और बल्लेबाजों से आप ज्यादा बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं। मुझे लगता है कि जडेजा ने अपने खेल से खासा निराश किया, क्योंकि पिच में तेज गेंदबाजों के लिए कुछ नहीं था, लेकिन जडेजा के लिए पिच में थोड़ी बहुत मदद मौजूद थी।"

विकेट के लिए तरसे भारतीय गेंदबाज

भारतीय गेंदबाज चौथी पारी में विकेट के लिए तरसते हुए दिखाई दिए। टीम इंडिया को पहला ही विकेट 42 ओवर के बाद नसीब हुआ। जैक क्राउली और बेन डकेट ने पहले विकेट के लिए 188 रनों की पार्टनरशिप जमाई। क्राउली-डकेट की साझेदारी ने ही टीम इंडिया को मैच से पूरी तरह से बाहर कर दिया। 19 ओवर डालने के बावजूद बुमराह एक विकेट तक नहीं निकाल सके। वहीं, सिराज की भी झोली खाली रह गई। टेस्ट क्रिकेट के 148 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब बल्लेबाजों द्वारा पांच शतक लगाने के बावजूद किसी टीम को हार का मुंह देखना पड़ा है। यह शर्मनाक रिकॉर्ड टीम इंडिया के नाम अब दर्ज हो गया है।


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