Champions Trophy 2025: पाकिस्तान और यूएई में चैम्पियंस ट्रॉफी का घमासान जल्द शुरू होने वाला है। टूर्नामेंट में जीत के लिए दुनिया की टॉप आठ टीमें जोर लगाएंगी। इस टूर्नामेंट की शुरुआत 1998 में हुई थी। इसे पहले आईसीसी नॉकआउट टूर्नामेंट के नाम से जाना जाता था, लेकिन 2002 में इसका नाम आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी रख दिया गया। टूर्नामेंट के 27 साल के इतिहास में कुछ ही ऐसे खिलाड़ी हैं, जो अपनी कप्तानी में पोडियम पर इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को उठाने में सफल रहे हैं। आइए एक नजर डालते हैं उन खिलाड़ियों पर, जो इस टूर्नामेंट के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे हैं।
रिकी पोंटिंग
इस लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग सबसे ऊपर हैं, जिन्होंने इस टूर्नामेंट में अपनी कप्तानी में सबसे ज्यादा 12 मैच जीते हैं। बड़ी बात यह है कि टीम उनकी कप्तानी में इस टूर्नामेंट में सिर्फ तीन मैच ही हारी, जबकि एक मैच बेनतीजा रहा। उनका जीत प्रतिशत 75 का रहा।
ब्रायन लारा
अपने जमाने के ग्रेटेस्ट खिलाड़ियों में से एक ब्रायन लारा चैम्पियंस ट्रॉफी के दूसरे सबसे सफल कप्तान हैं, जिन्होंने अपनी टीम को 15 में से 11 मैच जिताए। उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को तीन बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचाया, वहीं 2004 में उनकी ही कप्तानी में टीम खिताब भी जीतने में सफल रही। उनका जीत प्रतिशत 73.33 रहा।
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स्टीफन फ्लेमिंग
न्यूजीलैंड के महान कप्तानों में से एक स्टीफन फ्लेमिंग ने इस टूर्नामेंट की शुरुआत के बाद से लगातार पांच बार टीम की अगुवाई की। उनकी कप्तानी में टीम के लिए सबसे खास लम्हा साल 2000 में आया, जब टीम ने पहली बार इस खिताब को अपने नाम किया। उनकी कप्तानी में टीम ने साल 2006 में भी इसके फाइनल में जगह बनाई। हालांकि टीम को यहां फाइनल में कंगारू टीम से हार का सामना करना पड़ा।
सौरव गांगुली
भारत के महान कप्तानों में से एक सौरव गांगुली ने बतौर कप्तान चैम्पियंस ट्रॉफी में सात मैच जीते हैं। उनकी टूर्नामेंट में सिर्फ दो मैच गंवाए। गांगुली की कप्तानी में टीम ने साल 2002 में श्रीलंका के साथ मिलकर संयुक्त रूप से खिताब पर कब्जा जमाया था। उनका जीत प्रतिशत 63.63 का रहा।