Mohammad Azharuddin: सनराइजर्स हैदराबाद के होम ग्राउंड यानी राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम को लेकर बड़ा फैसला सुनाया गया है। आईपीएल 2025 के बीच इस मैदान पर से भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के स्टैंड को हटाने का आदेश जारी हो गया है। हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के लोकपाल ने अजहरुद्दीन के स्टैंड को हटाने का फरमान जारी किया है। पूर्व चीफ जस्टिस वी ईश्वरैया ने मोहम्मद अजहरुद्दीन पर गाज गिराते हुए यह फैसला सुनाया है। उन्होंने यह भी कहा है कि उन टिकटों की बिक्री नहीं होगी, जिस पर अजहरुद्दीन का नाम छपा हुआ है।
अजहरुद्दीन को लगा बड़ा झटका
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को बड़ा झटका लगा है। राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम में उनके नाम पर बने स्टैंड को हटाने का फरमान जारी हो गया है। बात साल 2019 की है जब अजहरुद्दीन हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष पद संभाल रहे थे। इसी दौरान उन्होंने एक मीटिंग बुलाई थी, जिसमें स्टेडियम के नॉर्थ स्टैंड का नाम चेंज करके अजहरुद्दीन स्टैंड रखने का फैसला लिया गया था। बता दें कि नॉर्थ स्टैंड इससे पहले वीवीएस लक्ष्मण के नाम पर था। अब एचसीए के ही एक मेंबर ने इस साल फरवरी में शिकायत की थी कि अजहरुद्दीन ने नियमों का उल्लंघन करते हुए अपने नाम का स्टेडियम में स्टैंड बनवाया।
सदस्य का कहना था कि अजहरुद्दीन ने रूल नंबर 38 का उल्लंघन किया, जिसके मुताबिक, कोई भी मौजूद मेंबर अपने पक्ष में कोई भी फैसला नहीं ले सकता है। जस्टिस वी ईश्वरैया का भी यह मानना है कि अजहरुद्दीन ने नियमों को ताक पर रखकर हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्य रहते हुए खुद को फायदा पहुंचाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यह साफतौर पर यह हितों के टकराव का केस है।
अजहरुद्दीन ने किया आरोपों को खारिज
हालांकि, मोहम्मद अजहरुद्दीन ने इन तरह के आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए हाई कोर्ट तक जाने की बात कही है। द हिंदू के साथ बातचीत करते हुए अजहरुद्दीन ने कहा कि इसमें बदनामी हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन की ही होगी। उन्होंने कहा, "इसमें हितों का कोई टकराव नहीं है। मैं इस विवाद पर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं और ना ही इस लेवल तक गिरना चाहता हूं। हर कोई एचसीए पर हंसेगा। मेरा क्रिकेट करियर 17 साल का रहा। इस दौरान मैंने 10 साल टीम की कप्तानी की और इसके बावजूद भी मेरे से ऐसा बर्ताव किया जा रहा है। क्या हैदराबाद में सब क्रिकेटर्स के साथ ऐसा व्यवहार होता है। यह बहुत ही शर्म की बात है।"