IPL 2026 Mini Auction New Tie-Breaker Rule: आईपीएल 2026 के मिनी ऑक्शन को लेकर क्रिकेट फैंस की बेकरारी बढ़ती जा रही है, इस साल बीसीसीआई ने नीलामी को लेकर एक एक नया टाई-ब्रेकर नियम पेश किया है. ये रूल खास मामलों में हाई लेवल वाली सीक्रेट बिड की परेशानी को हल करने के लिए बनाया गया है. मिसाल के तौर पर, कीरोन पोलार्ड (2010) और रवींद्र जडेजा (2012) 2 ऐसे खिलाड़ी थे जो बड़ी बोली और आखिर में सीक्रेड बिड के बाद शामिल किए गए थे.
इन 2 टीमें के बीच टाई ब्रेकर मुमकिन
आईपीएल 2026 एक मिनी ऑक्शन है, जिसमें सिर्फ 2 टीमों (केकेआर और सीएसके) के पास भरपूर बैलेंस है. इसके अलावा 7 ऐसी टीमें हैं जो एक-दूसरे के करीब हैं, वहीं मुंबई इंडियंस, जिनके पास महज 2.75 करोड़ रुपये का पर्स बैलेंस है, ऐसे किसी भी बोली का हिस्सा नहीं बनने वाले हैं. कुछ स्टार विदेशी खिलाड़ियों के लिए बिडिंग की लड़ाई की उम्मीद है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के कैमरन ग्रीन और इंग्लैंड के लियाम लिविंगस्टोन टॉप पर हैं.
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नया टाई-ब्रेकर नियम क्या है?
ये बीसीसीआई की तरफ से दिया गया एक सिंपल सॉल्यूशन है. अगर 2 या ज्यादा टीमें किसी खास खिलाड़ी के लिए एक जैसी बोली पर अटकी रहती हैं, तो बोर्ड उन्हें 'टाई-ब्रेकर फॉर्म' देगा. इस फॉर्म में, उन्हें भारतीय रुपये में एक 'सीक्रेट बिड' अमाउंट लिखनी होगी. ये रकम उस खिलाड़ी को नहीं दी जाएगी, ये वो अमाउंट है जो फ्रेंचाइजियों को बीसीसीआई को चुकानी होगी. इसे अभी भी 'टाई-ब्रेकर बिड' कहा जाएगा और इस ट्विस्ट से बिडिंग प्रॉसेस में नया बदलाव आता है, क्योंकि इस प्रॉसेस में एक छिपा हुआ पहलू शामिल हो जाता है.
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बढ़ेगी एक्साइटमेंट
पिछले सालों में, सीक्रेट बोलियों के बारे में एक थ्योरी थी, क्योंकि दोनों टीमों ने पहले ही खिलाड़ी के लिए एक खास लिमिट तक बोली लगा दी थी और डील सिक्योर करने के लिए तर्कसंगत तरीके से हाई अमाउंट पर जाना जरूरी था. यहां, रकम बीसीसीआई को पे की जानी है और इसलिए, टीमों के लिए सौदा पक्का करने का कोई फॉर्मूला नहीं है, और इससे क्रिकेट फैंस की एक्साइटमेंट बढ़ सकती है. जो टीम लिखित सीक्रेट बोली जीतेगी, उसे उस रकम को 16 दिसंबर की नीलामी की तारीख से 30 दिन के अंदर भारतीय रुपये में बीसीसीआई को देना होगा. खिलाड़ी के लिए कीमत वही रहेगी जिस पर 2 टीमें लॉक थीं.