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भज्जी-साइमंड्स कांड, टीम इंडिया के साथ धोखेबाजी! भारत-ऑस्ट्रेलिया के सबसे विवादित टेस्ट की कहानी

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच साल 2008 में एक ऐसा टेस्ट मैच खेला गया, जिसे सिर्फ विवादों की वजह से याद किया जाता है। खराब अंपायरिंग ने भारतीय टीम को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।

IND vs AUS
IND vs AUS Sydney Test 2008: साल 2008। सिडनी का मैदान। बॉर्डर-गावस्कर सीरीज का दूसरा मुकाबला। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया यह वो टेस्ट मैच था, जिसने जेंटलमैन गेम को शर्मसार कर डाला था। 3 से 6 जनवरी के बीच खेला गया यह मैच क्रिकेट के सबसे विवादित मैचों में से एक रहा। जीत की खातिर कंगारू टीम हद से ज्यादा नीचे गिर गई थी और उनका भरपूर साथ खराब अंपायरिंग ने दिया था। भारतीय खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन के साथ-साथ कंगारू टीम की हरकतों की वजह से भी दबाव में थे। पहली पारी के बाद टीम इंडिया कंगारुओं पर पूरी तरह से हावी थी, लेकिन इसके बाद शुरू हुआ असल खेल जिसके चलते क्रिकेट फैन्स इस टेस्ट को कभी याद नहीं रखना चाहते हैं।

हरभजन-साइमंड्स कांड

सिडनी टेस्ट मैच में सबसे बड़ा विवाद हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच हुआ, जिसने दोनों टीमों को एक-दूसरे का जानी दुश्मन बना दिया। पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 463 रन बनाए थे। इसके जवाब में टीम इंडिया मजबूत से आगे बढ़ रही थी। वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर शतक लगा चुके थे। सचिन का साथ हरभजन निभा रहे थे और एक बड़ी साझेदारी पनप रही थी। भज्जी चौकों में डील कर रहे थे। हरभजन के बल्ले से एक और चौका निकला और उन्होंने ब्रेट ली से कुछ कहा। ली को कही गई बात फील्डिंग कर रहे साइमंड्स को रास नहीं आई और उन्होंने हरभजन को पलटकर जवाब दिया। शुरुआत में मामूली नोकझोंक लग रही भज्जी-साइमंड्स की बहस ने बड़ा रूप ले लिया। कंगारू प्लेयर्स भी साइमंड्स के फेवर में आकर खड़े हो गए। मैदान पर जमकर बवाल मचा। मैच खत्म होने के बाद साइमंड्स ने भज्जी पर आरोप लगा डाला कि उन्होंने कंगारू प्लेयर पर नस्लीय टिप्पणी की। हरभजन पर तीन मैचों का बैन लगा दिया गया। भज्जी पर बैन लगा, तो भारतीय खेमे ने हंगामा कर दिया। टूर को छोड़कर जाने तक की बात आ गई। हालात को किसी तरह से सुधारा गया और सचिन तेंदुलकर की गवाही के बाद भज्जी पर लगाया गया बैन तुरंत हटाया गया। इस विवाद को 'मंकी गेट' के नाम से जाना गया।

खराब अंपायरिंग ने छीन ली जीत

ऑस्ट्रेलिया की टीम 134 के स्कोर पर 6 विकेट गंवाकर मुश्किल में थी। भारतीय गेंदबाज पूरी तरह से हावी थे। एंड्रयू साइमंड्स पैर जमाने की कोशिश कर रहे थे और 30 रन बना चुके थे। तभी ईशांत शर्मा के हाथ से बेहतरीन गेंद निकली और साइमंड्स के बल्ले का किनारा लेते हुए कीपर के दस्तानों में समां गई। जोरदार अपील हुई, लेकिन अंपायर स्टीव बकनर टस से मस नहीं हुए। भारतीय खिलाड़ी हैरान रह गए। इस जीवनदान का फायदा साइमंड्स का भरपूर फायदा और उन्होंने 162 रन की शानदार पारी खेल डाली। 134/6 से ऑस्ट्रेलिया ने स्कोर बोर्ड पर 463 रन लगा दिए। बकनर अगर सही फैसला सुनाते, तो मैच और सीरीज का नतीजा शायद कुछ और हो सकता था। स्टीव बकनर ने एक नहीं, बल्कि इस मैच में दो गलतियां की थी। 333 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही टीम इंडिया की ओर से राहुल द्रविड़ क्रीज पर सेट दिख रहे थे। द्रविड़ 38 रन बना चुके थे। हालांकि, एंड्रयू साइमंड्स की एक गेंद पर ऑस्ट्रेलियाई टीम ने द्रविड़ के खिलाफ जोरदार अपील की। अंपायर बकनर ने अपनी उंगली खड़ी कर दी। रिप्ले में साफतौर पर देखा गया कि गेंद द्रविड़ के पैड से लगकर गई थी। खराब अंपायरिंग भारत के खिलाफ गई और ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच को 122 रन से अपने नाम किया था।  


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