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IND vs ENG: राजकोट में इन तीन खिलाड़ियों ने डुबाई लुटिया, अंग्रेजों के आगे टीम इंडिया चारों खाने चित

इंग्लैंड ने तीसरे टी-20 इंटरनेशनल मैच में टीम इंडिया को 26 रन से हराया। भारतीय बल्लेबाज 172 रन के लक्ष्य का पीछा करने में नाकाम रहे।

IND vs ENG
IND vs ENG 3rd T20I: राजकोट में टीम इंडिया का सीरीज में 3-0 की अजेय बढ़त हासिल करने का सपना साकार नहीं हो सका। इंग्लैंड ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए तीसरे टी-20 में टीम इंडिया को 26 रन से हराया। इस जीत के साथ ही इंग्लिश टीम ने सीरीज में खुद को जीवित भी रखा है। पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड ने 20 ओवर में 9 विकेट खोकर स्कोर बोर्ड पर 171 रन लगाए, जिसके जवाब में भारतीय टीम 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 145 रन ही बना सकी। इंग्लैंड की ओर से बेन डकेट ने अर्धशतकीय पारी खेली, तो गेंदबाजी में जेमी ओवरटन ने तीन विकेट अपनी झोली में डाले। आइए आपको बताते हैं उन तीन खिलाड़ियों के नाम, जिनकी चलते राजकोट में हाथ से फिसल गई जीत।

हार्दिक पांड्या

हार्दिक पांड्या को तूफानी बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है। हालांकि, राजकोट में हार्दिक अपने खेल के ठीक उल्ट ही खेलते हुए दिखाई दिए। हार्दिक ने 40 रन बनाने के बाद 35 गेंदों का सामना किया। इसके साथ ही वह उस अपना विकेट तोहफे के तौर पर उस वक्त देकर चलते बने, जब टीम को उनसे कुछ धमाकेदार शॉट्स की दरकार थी। हार्दिक की बीच के ओवरों में धीमी पारी भारतीय टीम को काफी महंगी पड़ी और जीत हाथ से निकल गई।

वॉशिंगटन सुंदर

वॉशिंगटन सुंदर तीसरे टी-20 में ना तो गेंद और ना ही बल्ले से कोई कमाल दिखा सके। गेंदबाजी में सुंदर ने एक ओवर फेंका और उसमें ही 15 रन लुटा डाले। इसके बाद बैटिंग ऑर्डर में उन्हें प्रमोट किया गया, लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा सके। अक्षर पटेल और ध्रुव जुरैल से ऊपर बल्लेबाजी करने उतरे सुंदर ने सिर्फ 6 रन बनाने के लिए 15 गेंदें खेल लीं। सुंदर ने यह गेंदें उस समय खराब की, जब मैच लगभग बराबरी पर खड़ा हुआ था। सुंदर की स्लो बैटिंग की वजह से हार्दिक पर भी अधिक दबाव बनता चला गया।

सूर्यकुमार-संजू सैमसन

संजू सैमसन और कप्तान सूर्यकुमार यादव लगातार तीसरे मैच में बल्ले से बुरी तरह से फ्लॉप रहे। संजू से उम्मीद थी कि वह इस मुकाबले में टीम को ताबड़तोड़ शुरुआत देंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। सैमसन सिर्फ 3 रन बनाकर चलते बने। इसके साथ ही कप्तान सूर्या भी लापरवाही भरा शॉट खेलकर पवेलियन लौटे। सूर्यकुमार 7 गेंदों का सामना करने के बाद 14 रन बनाकर चलते बने। सूर्या अगर थोड़ी जिम्मेदारी के साथ खेलते और पारी को बुनने का प्रयास करते तो शायद मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था।


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