Pratika Rawal: 2 नवंबर की तारीख भारतीय महिला क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक बन गई. डीवाई पाटिल स्टेडियम में हरमनप्रीत की कप्तानी में टीम इंडिया नया इतिहास लिख डाला. फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराते हुए भारतीय टीम ने पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का तमगा हासिल किया. जीत के बाद बीच मैदान और पूरे देश में खूब जश्न मना. सभी प्लेयर्स को आईसीसी की ओर सम्मानित करते हुए मेडल भी पहनाया गया.
हालांकि, उन प्लेयर्स में एक ऐसी भी अनलकी खिलाड़ी ग्राउंड पर मौजूद थी, जिसने टीम को चैंपियन बनाने में अहम किरदार निभाया और टीम के सेलिब्रेशन में भी शामिल हुई, लेकिन उस प्लेयर को वर्ल्ड चैंपियन कहलाने का हक नहीं मिल सका. आईसीसी के नियम की वजह से धांसू प्रदर्शन करने के बावजूद भी इस खिलाड़ी का सपना साकार नहीं हो सका.
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भारतीय खिलाड़ी क्यों नहीं कहलाएगी वर्ल्ड चैंपियन?
दरअसल, यह खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि प्रतिका रावल हैं. प्रतिका का प्रदर्शन वर्ल्ड कप में शानदार रहा. 7 मैचों में उनके बल्ले से 51 की औसत से 308 रन निकले. प्रतिका टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाली बैटर्स की लिस्ट में चौथे नंबर पर रहीं. न्यूजीलैंड के खिलाफ करो या मरो मुकाबले में प्रतिका ने अपनी बल्लेबाजी से जमकर महफिल लूटी और 122 रनों की यादगार पारी खेली थी. प्रतिका की उम्दा इनिंग के बूते ही टीम इंडिया सेमीफाइनल का टिकट हासिल करने में सफल रही थी.
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हालांकि, प्रतिका इंजर्ड होने की वजह से सेमीफाइनल मैच से पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई थीं और उनकी जगह पर शेफाली वर्मा को शामिल किया गया था. स्क्वॉड में नहीं होने के कारण ही प्रतिका को वर्ल्ड चैंपियन कहलाने का हक नहीं मिल सका.
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आईसीसी द्वारा दिया जाने वाला मेडल भी प्रतिका को नहीं मिल सका. नियमों के अनुसार, उन्हीं प्लेयर्स को मेडल पहनाया जाता है, जो मुख्य स्क्वॉड में होते हैं. अब इंजरी की वजह से प्रतिका स्क्वॉड से बाहर हो गई थीं और उनकी जगह शेफाली वर्मा ने ले ली थी.
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टीम इंडिया पहली बार बनी चैंपियन
भारतीय टीम साउथ अफ्रीका को फाइनल मुकाबले में 52 रनों से हराने के साथ ही पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनी. फाइनल मुकाबले में शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा ने अपने प्रदर्शन से जमकर महफिल लूटी. शेफाली ने 87 रनों की दमदार पारी खेली और दो अहम विकेट चटकाए. वहीं, दीप्ति शर्मा ने बल्ले से 58 रन जड़ने के साथ-साथ बॉलिंग में 5 विकेट अपनी झोली में डाले.