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तिलक वर्मा ने अपने कोच को दिया था ये सरप्राइज, 20 साल की ख्वाहिश कर दी पूरी

Tilak Varma: भले ही टीम इंडिया को लगातार दो मैचों में हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन भारतीय बल्लेबाज तिलक वर्मा ने अपनी बल्लेबाजी से महफिल लूट ली है। तिलक ने पहले टी-20 में 39 और दूसरे में 51 रनों का योगदान दिया। तिलक के अर्धशतक के बूते भारत 20 ओवरों में 152/7 के […]

Tilak Varma Coach Salam Bayash
Tilak Varma: भले ही टीम इंडिया को लगातार दो मैचों में हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन भारतीय बल्लेबाज तिलक वर्मा ने अपनी बल्लेबाजी से महफिल लूट ली है। तिलक ने पहले टी-20 में 39 और दूसरे में 51 रनों का योगदान दिया। तिलक के अर्धशतक के बूते भारत 20 ओवरों में 152/7 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच पाया। उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में उनके बचपन के कोच सलाम बयाश का बड़ा योगदान रहा है। बायश ने एक इंटरव्यू में कहा- बहुत बड़ा क्रिकेट खेलने वाला बच्चा है ये। थोड़ा बहुत खेलकर खामोश होने वाला नहीं है।

टेनिस बॉल से क्रिकेट खेल रहा था तिलक

रिपोर्ट के अनुसार, बयाश ही पहले व्यक्ति थे जिन्होंने कम उम्र में ही तिलक की प्रतिभा को पहचाना। बायश ने इंटरव्यू में कहा- मैंने पहली बार तिलक को 2011-12 में बरकास मैदान पर देखा था। जहां वह अपने दोस्तों के साथ टेनिस बॉल क्रिकेट खेल रहा था। उसे खेलते देख मुझे लगा कि वह किसी एकेडमी में जाता होगा। मैंने उसे फोन कर इसके बारे में पूछा तो उसने कहा कि वह सिर्फ अपने दोस्तों के साथ खेलता है। फिर मैंने उसके पिता से बात की।

तिलक को कोचिंग दिलाने के लिए मनाया

बयाश ने आगे कहा- मैंने उनसे तिलक को कोचिंग दिलाने के लिए मनाया। शुरू में आर्थिक समस्याओं के कारण उनके पिता इस बात से सहमत नहीं थे। वे उस जगह से सिर्फ 2 किलोमीटर दूर रहते थे। जबकि मेरी एकेडमी 40 किमी दूर थी, इसलिए मैंने उनसे कहा कि मैं इसकी जिम्मेदारी लूंगा। कोच बयाश ने एक घटना का भी जिक्र किया, जब तिलक ने उन्हें हैदराबाद में दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से मिलने में मदद की थी। बयाश भी तेंदुलकर के बहुत बड़े फैन हैं।

सचिन तेंदुलकर से मिलने की ख्वाहिश पूरी 

बयाश ने कहा- मैं सचिन सर को बहुत पसंद करता हूं। मैं आपको एक और उदाहरण बताऊंगा। तिलक ने सचिन सर से कहा था कि मेरे गुरु आपके बहुत बड़े प्रशंसक हैं, तो उन्होंने जवाब दिया- मैं तुम्हारे कोच के बारे में सब कुछ जानता हूं।पिछले साल, जब सचिन सर हैदराबाद आए थे, तो मुझे उनसे मिलने का मौका मिला। यह मेरे लिए बड़ी बात थी। मैंने उनसे कहा- 20 साल से आपसे मिलना चाह रहा था। ऊपर वाले ने मेरी ख्वाहिश पूरी कर दी। फिर उन्होंने मुझे गले लगा लिया। उन्होंने मुझसे आगे कहा कि मैंने तिलक जैसा बहुत अच्छा खिलाड़ी तैयार किया है। मैं जितना खुश था, उससे ज्यादा तिलक कि मैंने अपने सर को सचिन सर से मिलवा दिया।


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