IND vs SA 3rd ODI: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेली जा रही वनडे सीरीज में ओस ने अब तक काफी बड़ा रोल प्ले किया है. रांची के बाद रायपुर में भी भारी ओस देखने को मिली थी, जिसके चलते प्रोटियाज टीम ने 359 रनों के लक्ष्य को भी हंसते-खेलते हुए हासिल कर लिया था. भारतीय गेंदबाज ओस के कारण पूरी तरह से बेअसर नजर आए थे. यही वजह है कि इंडियन टीम के सहायक कोच रयान टेन डोशेट ने भारत में वनडे मैचों की टाइमिंग में बदलाव करने की मांग उठाई है. डोशेट का कहना है कि मैच को 2 घंटे पहले शुरू किया जाएगा, तो मुकाबला बराबरी का रहेगा.
कोच ने उठाई टाइमिंग में बदलाव करने की मांग
साउथ अफ्रीक के खिलाफ होने वाले तीसरे वनडे मुकाबले से एक दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में बातचीत करते हुए रयान टेन डोशेट ने कहा, "दूसरी पारी शुरू होते ही ओस गिरनी शुरू हो जाती है. ऐसे में अगर मैच अलग समय पर खेला जाएगा तो शायद ओस के असर को कुछ हद तक कम किया जा सकता है. अगर आप दो घंटे मैच को पहले शुरू कर देते हैं, तो यह एक सॉल्यूशन हो सकता है."
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ओस पड़ने से क्या होता है नुकसान?
दरअसल, ओस पड़ने के कारण गेंद काफी गीली हो जाती है. इस वजह से बॉलर्स को गेंद पर ग्रीप बनाने में दिक्कतों क सामना करना पड़ता है. बॉल हाथ से काफी ज्यादा फिसलती है. इसके साथ ही गीली होने के कारण बॉल बल्ले पर काफी अच्छे और तेजी से आती है, जिसके चलते रन बनाना काफी आसान हो जाता है.
वाइजैग में कैसा है टीम इंडिया का रिकॉर्ड?
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीसरा वनडे मुकाबला विशाखापट्टनम के एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाना है. टीम इंडिया के लिए यह मैदान काफी लकी रहा है. यहां पर अब तक खेले 10 मैचों में से भारतीय टीम को 7 में जीत नसीब हुई है, जबकि सिर्फ 2 ही मैचों में टीम को हार का मुंह देखना पड़ा है.
हालांकि, वाइजैग में टॉस काफी अहम रोल अदा कर सकता है. इस मैदान पर रनों का पीछा करने वाली टीम का रिकॉर्ड कमाल का रहा है. 20 में से 15 मैच उस टीम ने जीते हैं, जिन्होंने पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया है. अब अगर तीसरे वनडे में पहले बॉलिंग करनी है, तो कप्तान केएल राहुल को टॉस जीतना होगा.