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वनडे वर्ल्ड कप के बाद टी20 वर्ल्ड कप से भी होगी भारतीय खिलाड़ी की छुट्टी! अपना ही साथी बना सबसे बड़ा खतरा

मौजूदा समय में चयनकर्ता रवि बिश्नोई को टी20 फॉर्मेट में भारत के भविष्य के रूप में देख रहे हैं, जबकि चहल को उनके करियर के ढलान पर देख रहे हैं।

चहल को अपने ही साथी से खतरा.
ऑस्ट्रेलिया के बाद भारतीय टीम को अब दक्षिण अफ्रीका का दौरा करना है। आगामी दौरे पर ब्लू टीम को टेस्ट, वनडे और टी20 सभी फॉर्मेट में शिरकत करनी है। दौरे का आगाज टी20 सीरीज से होगा। इस सीरीज के लिए भी रवि बिश्नोई को टीम में शामिल किया गया है। वहीं अनुभवी स्पिनर युजवेंद्र चहल को जरूर वनडे फॉर्मेट के लिए टीम में चुना गया है, लेकिन टी20 सीरीज से वह बाहर हैं। ऐसे में चयनकर्ताओं की सोच साफ झलकती है कि वह आगामी टूर्नामेंट के लिए बिश्नोई को उम्मीद के रूप में देख रहे हैं, जबकि उनके प्लान से चहल बाहर हो चुके हैं। यही नहीं दोनों खिलाड़ियों की मौजूदा उम्र भी आगामी टूर्नामेंट से पहले बदलाव का संकेत दे रहे हैं। चहल की उम्र 33 साल है, जबकि बिश्नोई महज 23 साल के हैं। ऐसे में टीम मैनेजमेंट बिश्नोई को भारत के भविष्य के रूप में देख रही है, जबकि चहल को उनके करियर के ढलान के रूप में देख रही है। यह भी पढ़ें- टेम्बा बावुमा का क्या था कसूर? जो क्रिकेट अफ्रीका ने लिया इतना बड़ा फैसला? सीधे पद से ही कर दिया बर्खास्त बात करें जारी साल में दोनों खिलाड़ियों के टी20 प्रदर्शन के बारे में तो यहां भी बिश्नोई, चहल से आगे नजर आते हैं। युजवेंद्र चहल ने भारतीय टीम के लिए इस साल कुल नौ टी20 मुकाबले खेले हैं। इस बीच उनको नौ पारियों में नौ सफलता हाथ लगी है। वहीं बिश्नोई ने 11 मैच खेलते हुए प्रभावशाली ढंग से प्रदर्शन करते हुए 18 विकेट चटकाए हैं। आंकड़े ये दिखाते हैं कि बिश्नोई सीमित ओवरों के फॉर्मेट में मेन गेंदबाज बनकर उभरे हैं। कंगारू टीम के खिलाफ उन्होंने ब्लू टीम के लिए कुल पांच मुकाबलों में शिरकत की। इस बीच वह पांच पारियों में नौ विकेट झटकने में कामयाब रहे। सीरीज के दौरान उम्दा गेंदबाजी के लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' से नामित किया गया। मैच के दौरान उन्होंने विकट परिस्थितियों में जिस तरह से अपने परिपक्वता का परिचय दिया। उससे हर कोई उनकी सराहना कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 मुकाबले में जरूर बिश्नोई का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा। उन्होंने इस मुकाबले में चार ओवरों की गेंदबाजी की और महज एक सफलता प्राप्त करते हुए 54 रन लुटा दिया थे। हालांकि, इसके बाद उन्होंने जबर्दस्त तरीके से वापसी की। आगामी मुकाबलों में उन्होंने ना केवल विकेट चटकाए, बल्कि किफायती गेंदबाजी भी की।


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