नई दिल्ली: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष नजम सेठी की कुर्सी जाना तय हो गया है। उन्होंने खुद ही हार मान ली है। पिछले कुछ दिनों से उनकी कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा था, लेकिन अब उन्होंने खुद ही हवाओं को साफ करते हुए इस मामले पर बड़ा बयान दे दिया। सेठी ने ट्वीट कर कहा- सभी को सलाम! मैं आसिफ जरदारी और शहबाज शरीफ के बीच विवाद का कारण नहीं बनना चाहता। इस तरह की अस्थिरता और अनिश्चितता पीसीबी के लिए अच्छी नहीं है। इन परिस्थितियों में मैं पीसीबी अध्यक्ष पद का उम्मीदवार नहीं हूं। सभी हितधारकों को शुभकामनाएं।
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नजम सेठी को नहीं मिलेगा एक्सटेंशन
दरअसल, इस पूरे विवाद की शुरुआत कुछ समय पहले हुई थी। पाकिस्तान सरकार के मंत्री एहसान उर रहमान मजारी लगातार बयान देते रहे कि पीपीपी समर्थित जका अशरफ पीसीबी के अगले अध्यक्ष बनेंगे। उन्होंने ये भी कहा था कि नजम सेठी एंड कंपनी को एक्सटेंशन नहीं मिलेगा। उन्हें दो महीने का विस्तार दिया गया था जो 21 जून को समाप्त हो रहा है।
आसिफ जरदारी की पसंद हैं जका अशरफ
दरअसल, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष आसिफ जरदारी चाहते हैं कि जका अशरफ पीसीबी अध्यक्ष बनें, जबकि नजम सेठी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की पसंद हैं। इसी को लेकर दोनों के बीच खींचतान चल रही है। पाकिस्तान में पीपीपी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग‑एन (PML-N) की साझा सरकार है। ये भी कहा जा रहा है कि पीपीपी और पीएमएल-एन के बीच राजनीतिक मतभेद चल रहे हैं।
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इस सप्तान चुनाव होने की संभावना
अब प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, पूर्व अध्यक्ष मुहम्मद जका अशरफ और मुस्तफा एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट मुस्तफा रामडे को पीसीबी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य के रूप में नामित किया गया है। पीपीपी की पिछली सरकार में पीसीबी अध्यक्ष रहे अशरफ एक बार फिर पद संभालने के लिए तैयार हैं। अशरफ और रामदे के नामांकन के साथ ही BoG के 10 सदस्य पूरे हो गए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त अब चुनाव कराएंगे जो इस सप्ताह के अंत में होने की संभावना है। पीसीबी प्रबंधन समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्त नजम सेठी ने पुष्टि कर दी है कि वह अब पीसीबी अध्यक्ष बनने की दौड़ में नहीं हैं। पीसीबी संविधान के अनुसार, बोर्ड के अध्यक्ष का चुनाव बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्यों में से किया जाता है।
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