Vishal Nishad Story: जब अबू धाबी में आईपीएल 2026 का मिनी-ऑक्शन चल रहा था, तब राइट-आर्म लेगब्रेक बॉलर विशाल निषाद कानपुर में ये सब टीवी पर देख रहे थे. उन्हें नीलामी में खरीदे जाने की पूरी उम्मीद थी, क्योंकि फ्रेंचाइजी का एक फैसला उनकी जिंदगी बाद सकता था. पहले राउंड में नाउम्मीदी हासिल हुई, लेकिन तीसरे राउंड में पंजाब किंग्स ने बोली लगाई और उन्हें 30 लाख रूपये की कीमत पर खरीद लिया. निषाद के लिए जैसे एक बड़ा सपना साकार हो गया.
विशाल का मुश्किल सफर
निषाद का आईपीएल तक का सफर बड़े शहरों के क्रिकेट स्टेडियम से बहुत दूर, गोरखपुर के खोराबार पुलिस स्टेशन इलाके के जंगल अयोध्या प्रसाद गांव से शुरू हुआ. वो पहले टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे, तब उनके दोस्ती विनीत पांडेय ने उन्हें लेदर बॉल से ट्रेनिंग लेने के लिए कहा, लेकिन निषाद ने इसलिए मना कर दिया क्योंकि उनके पास पैसे नहीं थे. पांडे ने हार नहीं मानी, एक कोच से बात की और निषाद को गोरखपुर की संस्कृति क्रिकेट एकेडमी में जगह मिल गई. वहां कोच कल्याण सिंह ने फीस लेने के बाद उन्हें बॉलिंग करते देखने के लिए तैयार हो गए.
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दोस्त से लिया उधार
साल 2024 में, यूपी टी-20 लीग के ट्रायल के साथ पहली मुश्किल आई. नोएडा में एक प्रैक्टिस मैच का मतलब था ट्रैवलिंग जिसका खर्च वह नहीं उठा सकते थे. उन्होंने अपने दोस्त से 2000 रुपये उधार लिए और नोएडा पहुंचे. इस दौरान पहले ही प्रैक्टिस मैच में 3 विकेट हासिल किए. जिसके बाद उन्हें सिलेक्ट कर लिया गया. फिर यूपी टी-20 लीग में उन्होंने गोरखपुर लायंस के लिए 4 मैचों में 7 विकेट लिए. अगले सीजन में निषाद ने 5 मैचों में 6 विकेट हासिल किए.
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कोच ने फीस माफ की
फिर कोच को परिवार की आर्थिक तंगी के बारे में पता चला और उन्होंने अपना मन बदल लिया और फिर उन्होंने बिना फीस लिए 3 साल तक ट्रेनिंग दी. निषाद क्रिकेट किट भी नहीं खरीद सकते थे, वो दूसके खिलाड़ियों से किट, जूते से लेकर बैट तक उधार लेकर प्रैक्टिस करते थे.
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क्यों हुई विशाल की नीलामी?
IPL में उनका सिलेक्शन कोई इत्तेफाक नहीं था. निषाद ने लखनऊ में पंजाब किंग्स सहित कई टीमों के लिए ट्रायल दिए, और उनकी 'मिस्ट्री बॉलिंग' के वीडियो फ्रेंचाइजी के टैलेंट स्पॉटर्स के बीच सर्कुलेट होने लगे. पंजाब किंग्स के स्काउट अंकित राजपूत, जिन्होंने उन्हें पहली बार गोरखपुर लायंस के साथ देखा था, तब उन्होंने कहा था, 'उसमें बहुत टैलेंट है.'
मजदूर पिता का काबिल बेटा
निषाद के लिए नीलामी में खरीदा जाना काफी अहमियत रखता है. उनके पिता बढ़ई और राजमिस्त्री हैं जो दिहाड़ी पर मजदूरी करते हैं. परिवार ने कभी नहीं सोचा था कि उनका कोई बच्चा आईपीएल खेला. इस बात में कोई शक नहीं कि मंजिल अभी दूर है, लेकिन दरवाजा जरूर खुल गया है. अब विशाल निशाद को आईपीएल में अपनी काबिलियत साबित करनी है.