IND W vs SA W: साल 2007 में चक दे इंडिया नाम की फिल्म आई थी. जिसमें शाहरुख खान ने कबीर खान की भूमिका निभाई थी. इस फिल्म में कबीर खान महिला हॉकी टीम की काया पलट करके रख देता है और टीम को चैंपियन बनाता है. कुछ ऐसा ही रियल लाइफ में अब भारतीय महिला क्रिकेट टीम के हेड कोच अमोल मजूमदार ने करके दिखाया है. ऐसे में अगर मजूमदार के ऊपर फिल्म बनी तो, उसे चक दे इंडिया का सीक्वल भी कह सकते हैं. अमोल की पूरी कहानी जानकर आप उन्हें सैल्यूट करने पर मजबूर हो जाएंगे.
50 साल की उम्र में खत्म हुआ अमोल मजूमदार का इंतजार
स्कूल टूर्नामेंट के जिस मुकाबले में सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली ने ऐतिहासिक 664 रनों की पार्टनरशिप की थी. उस मैच में पैड पहनकर 2 दिन तक वो मैदान पर ही इंतजार करते रहे. जिसके बाद साल 1994 में मजूमदार ने मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी डेब्यू किया. उसके बाद से उन्होंने घरेलू क्रिकेट में 50 से ज्यादा की औसत से बल्लेबाजी करके 11 हजार से ज्यादा रन बनाए. उसके बाद भी उन्हें इंडियन टीम में मौका नहीं मिला है. मजूमदार ने साल 2012 तक इंतजार किया, लेकिन वो इंडिया के लिए डेब्यू नहीं कर सके. जिसके बाद साल 2012 में ही उन्होंने संन्यास का ऐलान किया. अब 50 साल 357 दिन की उम्र में अमोल का टीम इंडिया के लिए विश्व कप जीतने का सपना पूरा हुआ है.
---विज्ञापन---
ये भी पढ़ें: IND W vs SA W: टीम इंडिया की 16 चैंपियंस की कहानी, कोई किसान तो कोई कारपेंटर की बेटी, आज पूरी दुनिया कर रही सलाम
---विज्ञापन---
शानदार रहा है कोचिंग करियर
मजूमदार ने संन्यास के बाद कोचिंग की तरफ रुख किया. वो इंडिया अंडर 19 क्रिकेट टीम और इंडिया अंडर 23 क्रिकेट टीम से बैटिंग कोच के रूप में जुड़े. दिसंबर 2013 में वो नीदरलैंड टीम के बल्लेबाजी सलाहकार बने. साल 2018 से लेकर 2020 तक वो राजस्थान रॉयल्स टीम के साथ जुड़े रहे. आईपीएल में काम करते समय ही वो साउथ अफ्रीका नेशनल क्रिकेट टीम के साथ अंतरिम बल्लेबाजी कोच के रूप में जुड़े थे. साल 2023 में अमोल महिला क्रिकेट टीम के हेड कोच बने. जिसके बाद से ही उन्होंने कई बड़े बदलाव किए और साल 2025 के इस वर्ल्ड कप की तैयारी शुरू कर दी थी. जिसका ही फल आज उन्हें मिला. भारतीय फैंस अब कभी भी अमोल का नाम नहीं भूल पाएंगे.
ये भी पढ़ें: कौन हैं भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले अमोल मजूमदार? बनाए 11 हजार रन, फिर भी नहीं मिला टीम इंडिया में मौका