IND vs AUS, World Cup 2023: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल मुकाबला रविवार 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा। इस मुकाबले से पहले कई पहलुओं पर हमने बात की, कई रिकॉर्ड्स पर भी चर्चा की, पर क्या हमने ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस पर कोई बात की? वही पैट कमिंस जिन्हें मजबूरी में 2021 के अंत में कप्तानी सौंपी गई थी। हम उस मजबूरी पर भी बात करेंगे कि आखिर क्यों क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को मजबूरन कमिंस को कप्तानी देनी पड़ी।
4 कप्तानों ने ऑस्ट्रेलिया को बनाया चैंपियन
उससे पहले बता दें कि कमिंस के पास मौका है ऑस्ट्रेलिया के लिए वर्ल्ड कप जीतने वाले पांचवें कप्तान बनने का। कमिंस से पहले ऑस्ट्रेलिया के लिए चार दिग्गज कप्तान वर्ल्ड कप जीत चुके हैं। जिसमें से रिकी पोंटिंग ने 2003 और 2007 में दो बार विश्व कप का खिताब अपनी कप्तानी में टीम को दिलाया। उनके अलावा सबसे पहले 1987 में एलन बॉर्डर की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम चैंपियन बनी थी। उसके बाद 1999 में स्टीव वॉ ने कंगारू टीम को खिताब दिलाया। रिकी पोंटिंग के बाद 2015 में पांचवीं बार माइकल क्लार्क की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया चैंपियन बनी थी।
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कमिंस में क्या है खास?
अब सवाल यह है कि पैट कमिंस में ऐसा क्या खास है या इन चार कप्तानों से अलग है जो ऑस्ट्रेलिया को विश्व चैंपियन बना सकता है। कमिंस ना ही बॉर्डर की तरह स्लेजिंग करते हैं और ना ही रिकी पोंटिंग की तरह एग्रेसिव हैं। वह बेहद ही शांत स्वभाव के कप्तान हैं। उनकी कप्तानी में इसी साल ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का भी खिताब जीता था। इसके अलावा एशेज में भी टीम उनकी कप्तानी में जीती थी।
इस लिहाज से कमिंस की बात करें तो वह स्टीव वॉ और माइकल क्लार्क की प्रवृत्ति वाले कप्तान लगते हैं। स्टीव वॉ भी शांत स्वभाव के थे और क्लार्क भी खास विवादों में नहीं रहते थे। उस लिहाज से कमिंस भी कुछ ऐसे ही हैं, उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है। अब आइए बात कर लेते हैं कि वो मजबूरी क्या थी जिस कारण पैट कमिंस को कप्तानी मिली थी। वह साल 2021 से कंगारू टीम की कमान संभाल रहे हैं।
क्यों मिली थी कमिंस को कप्तानी?
पैट कमिंस एक शानदार तेज गेंदबाज हैं। उनके नाम 239 टेस्ट, 139 वनडे और 55 टी20 इंटरनेशनल विकेट दर्ज हैं। वह जरूरी मौकों पर ऑस्ट्रेलिया के लिए बल्ले से भी योगदान करते आए हैं। मौजूदा वर्ल्ड कप में वह अफगानिस्तान के खिलाफ एक अहम मुकाबले में 68 गेंदें खेलकर टिके रहे और मैक्सवेल का बेहतरीन साथ निभाया। उनकी इसी प्रतिभा को देखते हुए 2021 में उन्हें कप्तानी सौंपी गई लेकिन प्रमुख बात यह है कि वह कैप्टेंसी के कैंडिडेट नहीं थे। ऐरोन फिंच ने टेस्ट क्रिकेट छोड़ दिया था। टिम पेन स्कैंडल में फंस चुके थे। बॉल टैम्परिंग के बाद स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर कप्तानी का बैन झेल रहे थे। इसके बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पैट कमिंस का रुख किया।
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फिर पिछले साल जब एरोन फिंच ने व्हाइट बॉल क्रिकेट से संन्यास लिया तो वनडे व टी20 में भी कमिंस ही टीम के कप्तान बन गए। अब उन्होंने रेड बॉल क्रिकेट के बाद व्हाइट बॉल क्रिकेट में भी अपनी कप्तानी को साबित कर दिया है। टीम को उन्होंने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब दिलाया। उसके बाद वनडे क्रिकेट में टीम का प्रदर्शन थोड़ा सवालों के घेरे में आया लेकिन वर्ल्ड कप में जिस तरह से उन्होंने टीम को आगे बढ़ाया, यह उन्हें ऑस्ट्रेलिया के लिए एख खास कप्तान बनाता है।
आसान नहीं होगी चुनौती
अब देखना होगा कि |ऑस्ट्रेलिया के लिए 55 टेस्ट, 87 वनडे और 50 टी20 इंटरनेशनल खेलने वाले कमिंस अपनी खासियत से ऑस्ट्रेलिया को छठा विश्व कप खिताब दिला पाते हैं या नहीं, क्योंकि सामने टीम इंडिया की चुनौती है जो आसान नहीं है। भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में सभी लीग मैच और सेमीफाइनल मुकाबले जीतकर आई है। जबकि लीग स्टेज में ऑस्ट्रेलिया को भारत और साउथ अफ्रीका ने ही हराया था। अफ्रीका से तो कंगारू सेमीफाइनल में निपट लिए। अब बारी टीम इंडिया की है जिनसे निपटना आसान बात नहीं होगी।