Rajeev Shukla On Pay Hike For Women Domestic Cricketers: बीसीसीआई के वाइस-प्रेसिडेंट राजीव शुक्ला ने वुमेन डोमेस्टिक क्रिकेटर्स की सैलरी बढ़ाने के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि इस कदम से ज्यादा लड़कियों को इस खेल को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी और देश में महिला क्रिकेट का स्टैंडर्ड भी बेहतर होगा. बोर्ड ने महिला घरेलू क्रिकेटरों के लिए पेमेंट स्ट्रक्चर में एक बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है. एक सूत्र के मुताबिक, बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट में महिला प्लेयर्स की फीस 20,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति दिन कर दी है.
वर्ल्ड कप जीत से मिला फायदा
भारत की आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 की जीत ने इंडियन वुमेन क्रिकेटर्स को काफी बढ़ावा दिया है, जिससे बीसीसीआई ने अपने पेमेंट सिस्टम में बदलाव किया है. बोर्ड ने घरेलू महिला क्रिकेटरों की मैच फीस दोगुनी से भी ज्यादा कर दी है. टीम इंडिया इस साल पहली बार वुमेन वर्ल्ड चैंपियन बनी थी.
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राजीव शुक्ला ने की फैसले की तारीफ
इस बारे में एएनआई से बात करते हुए शुक्ला ने कहा, 'बीसीसीआई ने महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. सबसे पहले, उन्होंने मेंस टीम के साथ सैलरी में बराबरी की. कल जो फैसला लिया गया है, वो ये है कि घरेलू महिला क्रिकेट में मैच फीस, जो 20,000 रुपये प्रति दिन थी, उसे बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति दिन कर दिया गया है, और रिजर्व खिलाड़ियों की फीस, जो रिजर्व टीम में थीं लेकिन खेली नहीं, उनकी फीस 10,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी गई है. ये एक बहुत बड़ी बढ़ोतरी है, 100 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी, जिससे महिला क्रिकेटरों को बहुत फायदा होगा. इससे ज्यादा लड़कियों को क्रिकेट खेलने की प्रेरणा मिलेगी, और खेल का स्टैंडर्ड बेहतर होगा.'
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जय शाह ने भी उठाया था बड़ा कदम
इससे पहले, 2019 से 2024 तक बीसीसीआई सचिव के तौर पर जय शाह की लीडरशिप में, बोर्ड ने सैलरी में बराबरी को अपनाया, महिला क्रिकेटरों के लिए प्रोफेशनल लीग्स का एक्सपैंड किया, ग्रासरूट लेवल की इनिशिएटिव्स में इंवेस्टमेंट किया, और सार्वजनिक तौर पर पहचान बढ़ाई. इससे भारतीय महिला क्रिकेटरों को ताकत मिली है, जो अब दुनिया भर में लाखों लड़कियों को क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित करती हैं.
कई सुधार हुए
बीसीसीआई में जय शाह का कार्यकाल ऐसे बड़े सुधारों के लिए जाना जाता है, जिन्होंने मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह महिलाओं के खेल को ऊपर उठाया है. उनके कार्यकाल के दौरान सबसे बड़े कदमों में से एक पुरुष और महिला इंटरनेशनल क्रिकेटरों के बीच सैलरी में बराबरी का फैसला था, एक ऐसा फैसला जिसने लंबे समय में दोनों जेंडर के लिए समानता और सम्मान के बारे में एक ज़रूरी बात बताई.
WPL से मिली नई पहचान
इसके बाद प्रोफेशनल महिला क्रिकेट लीग, WPL की शुरुआत हुई, जिसकी डिमांड न सिर्फ भारतीय क्रिकेटर बल्कि दुनिया भर की महिला क्रिकेटर लंबे समय से कर रही थीं. वूमेन प्रीमियर लीग का इंटरनेशनल एक्सपोजर और रीच अब महिला क्रिकेटरों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म दे रहा है जो न सिर्फ उन्हें ज्यादा ऑडिएंस देता है, बल्कि फाइनेंशियल स्टेबिलिटी और एक कॉम्पिटिटिव प्लेटफॉर्म भी देता है जहां वो दुनिया भर के खिलाड़ियों के साथ अपने स्किल्स को बेहतर बना सकती हैं.