Rajeev Shukla meets King Charles: आज से ठीक एक महीने बाद यानी 15 अगस्त 2025 को भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। 1947 में इसी तारीख को भारत को अंग्रेजों के जुल्मों से आजादी मिली थी। इंग्लैंड की धरती पर एक बार फिर 1947 की यादें ताजा हो गई हैं। दरअसल, टीम इंडिया पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड से उन्हीं की धरती पर भिड़ रही है। नए-नवेले टेस्ट कप्तान शुभमन गिल की कैप्टेंसी में भारत की युवा ब्रिगेड इंग्लिश सरजमीं पर अपने प्रदर्शन से खूब महफिल लूट रही है।
लॉर्ड्स टेस्ट में भले ही भारतीय टीम को हार का मुंह देखना पड़ा, लेकिन गिल की सेना ने अंग्रेजों को कड़ी टक्कर दी। टीम के खेल से प्रभावित होकर ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स ने भारत की पुरुष और महिला टीम को मिलने के लिए बुलाया। भारतीय टीम बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला की अगुवाई में किंग चार्ल्स से मिलने पहुंची। इस खास मौके पर राजीव शुक्ला ने किंग चार्ल्स को अपनी किताब भेंट करते हुए 1947 की यादें एक बार फिर ताजा कर दीं।
लंदन में ताजा हुईं 1947 की यादें
किंग चार्ल्स संग हुई खास मुलाकात में राजीव शुक्ला ने भारत-पाकिस्तान के विभाजन को लेकर लिखी अपनी किताब "स्कार्स ऑफ 1947" उन्हें तोहफे में दी। बीसीसीआई उपाध्यक्ष ने अपने एक्स अकाउंट पर किंग चार्ल्स के साथ हुई मुलाकात की तस्वीर भी शेयर की। उन्होंने ट्वीट करते हुए बताया कि किंग चार्ल्स किताब के बारे में जानने को लेकर काफी उत्सुक भी नजर आए। भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने भी किंग चार्ल्स से मुलाकात की, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
लॉर्ड्स में लड़कर हारी टीम इंडिया
शुभमन गिल की अगुवाई में भारतीय टीम को लॉर्ड्स के मैदान पर खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में 22 रनों से हार का मुंह देखना पड़ा। रविंद्र जडेजा ने जसप्रीत बुमराह और फिर मोहम्मद सिराज के साथ मिलकर अंत तक लड़ाई लड़ी। हालांकि, आखिर में जीत अंग्रेजों के ही हाथ लगी। जडेजा ने 181 गेंदों का सामना किया और वह 61 रन बनाकर नाबाद रहे। उन्होंने बुमराह-सिराज संग मिलकर कुल 212 गेंदें खेलीं। जीत और इंग्लैंड के बीच जडेजा लंबे समय तक सीना तानकर खड़े रहे। मगर दूसरे छोर से बाकी बल्लेबाजों का साथ ना मिल पाने की वजह से जडेजा टीम इंडिया की हार को टाल नहीं सके। लॉर्ड्स में जीत के साथ ही इंग्लैंड ने सीरीज में 2-1 की बढ़त भी हासिल कर ली है।