AUS vs IND: पर्थ के बाद एडिलेड में मिली हार के बाद टीम इंडिया की प्लेइंग 11 में बदलाव होगा यह बात पक्की थी. हर किसी को यह उम्मीद थी कि प्रसिद्ध कृष्णा और कुलदीप यादव की टीम में एंट्री होगी. माना यह जा रहा था कि इन दोनों गेंदबाजों के लिए हर्षित राणा और वॉशिंगटन सुंदर जगह बनाएंगे.
हालांकि, तीसरे वनडे के टॉस के वक्त जब कप्तान शुभमन गिल ने टीम में हुए दो बदलावों के बारे में बताया, तो हर कोई दंग रह गया. नीतीश कुमार रेड्डी चोटिल हो गए, जिसके चलते वह सिडनी में खेलने नहीं उतरे. नीतीश के स्थान पर कुलदीप यादव को मौका दे दिया गया. वहीं, प्रसिद्ध कृष्णा को खिलाने के लिए टीम मैनेजमेंट ने हर्षित राणा की जगह अर्शदीप सिंह का ही पत्ता काट दिया.
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हर्षित राणा का सिलेक्शन क्यों जरूरी?
पहले वनडे में 4 ओवर के स्पेल में 27 रन और कोई विकेट नहीं. दूसरे वनडे में हर्षित ने 8 ओवर का स्पेल डाला और 59 रन खर्च करते हुए 2 विकेट चटकाए. दो मैचों में हर्षित के बल्ले से आए कुल 25 रन. इस प्रदर्शन के बावजूद भी हर्षित को तीसरे वनडे में प्लेइंग 11 में उतारा गया है. हर्षित को खिलाने की खातिर अर्शदीप सिंह को बेंच पर बैठा दिया गया. वो अर्शदीप जो शुरुआती दो वनडे मैचों में सबसे ज्यादा कारगर दिखाई दिए.
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अर्शदीप ने इस वनडे सीरीज से पहले अपना आखिरी मुकाबला 26 सितंबर को खेला था. यानी तकरीबन एक महीने के ब्रेक के बाद वह मैदान पर उतरे थे. ऐसे में सवाल यह है कि अर्शदीप को सिर्फ दो मैच खेलने के बाद आराम क्यों दे दिया गया? हर्षित की कामचलाऊ बल्लेबाजी के लिए कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल ने इनफॉर्म गेंदबाज अर्शदीप को बाहर बैठाना ज्यादा ठीक समझा.
तीन स्पिनर्स के साथ उतरी टीम
सिडनी में भारतीय टीम ने कुलदीप यादव को प्लेइंग 11 में शामिल किया, लेकिन फिर भी वॉशिंगटन सुंदर बाहर नहीं हुए. ऑस्ट्रेलिया की उछाल भरी पिचों पर तीसरे वनडे में टीम इंडिया तीन स्पिनर्स के साथ मैदान पर उतरी है. कुलदीप का साथ देने के लिए अक्षर पटेल और सुंदर को प्लेइंग 11 में रखा गया है. टीम मैनेजमेंट का यह फैसला समझ से एकदम परे नजर आया.
जिन कंगारू कंडिशंस में मैच गेंदबाजों के दम पर जीते जाते हैं वहां भारतीय टीम अपना बॉलिंग अटैक कमजोर करके बल्लेबाजी क्रम को लंबा करने का फैसला लिया. ऐसा भी नहीं है कि सुंदर पहले दो वनडे मैचों में बल्ले से कोई खास कमाल कर गए हैं, जिसके चलते उन्हें अंतिम ग्यारह में खिलाना जरूरी हो जाए. पहले मैच में सुंदर के बल्ले से 10 और दूसरे में रन निकले हैं 12.
यही वजह है कि कोच गौतम गंभीर और मैनेजमेंट द्वारा लिए गए टीम सिलेक्शन के फैसले पर सवाल खड़े हो रहे हैं. गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हर्षित को ट्रोल ना करने की हिदायत दी थी. मगर ऐसे प्रदर्शन के बावजूद और काबिल प्लेयर्स को बेंच पर बैठाकर अगर हर्षित को मौके दिए जाएंगे, तो सवाल उठना तो बनता है और उठेगा भी.