BCCI Change Rule: इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में टीम इंडिया ने 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली थी, जो 2-2 की बराबरी पर खत्म हुई थी। इस सीरीज में दोनों टीमों के खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला था, वहीं ऋषभ पंत और क्रिस वोक्स को तो गंभीर चोट के बाद भी बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरते हुए देखा गया था।
मैनचेस्टर टेस्ट के दौरान ऋषभ पंत को रिवर्स स्वीप शॉट खेलने के चक्कर में पैर में फ्रैक्चर हो गया था, जिसके चलते वे सही से चल भी नहीं पा रहे थे बावजूद इसके पंत ने दूसरी पारी में बल्लेबाजी की थी। इसके बाद इस बात की चर्चा शुरू हुई कि क्या टेस्ट मैच के दौरान खिलाड़ियों के गंभीर रूप से घायल होने पर उनकी जगह दूसरे खिलाड़ी को शामिल किया जाना चाहिए ताकि मुकाबला बराबरी पर आ सके। भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर इसके पक्ष में थे।
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BCCI ने घरेलू क्रिकेट में किया बदलाव
बीसीसीआई ने इंग्लैंड सीरीज में ऋषभ पंत की चोट के बाद स्थिति का आकलन किया है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जिसके बाद आगामी घरेलू सीजन के लिए खेल की परिस्थितियों में संशोधन किया है, जिससे रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी जैसे बहु-दिवसीय टूर्नामेंटों के लिए गंभीर चोटों वाले खिलाड़ियों के प्रतिस्थापन की अनुमति मिल गई है।
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बोर्ड ने सभी राज्य संघों को आधिकारिक सूचना भेज दी है और मैच अधिकारियों तथा अंपायरों को इसकी जानकारी दे दी गई है। राज्य संघों को भेजे गए आधिकारिक पत्र में कहा गया कि "यदि किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान गंभीर चोट लगती है, तो इस स्थिति में गंभीर चोट प्रतिस्थापन की अनुमति दी जा सकती है।"
दरअसल इंटरनेशनल क्रिकेट में चोटिल खिलाड़ी की जगह टीम को दूसरा खिलाड़ी तो मिलता है लेकिन वो न तो बल्लेबाजी कर सकता और न ही गेंदबाजी वो सिर्फ फील्डिंग कर सकता है। ऐसा ही भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज के दौरान देखने को मिला था। जहां ऋषभ पंत की जगह ध्रुव जुरेल को विकेटकीपिंग करते हुए देखा गया था।
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