Andres Escobar Own Goal FIFA World Cup: आपने फुटबॉल के एक से एक मुकाबले देखे होंगे, जिसमें रोमांच चरम पर होता है। फुटबॉल का ये रोमांच सिर्फ मैदान तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि फैंस अपनी टीम के लिए मर-मिटने तक को तैयार रहते हैं। फुटबॉल के कई ऐतिहासिक मुकाबलों में एक मैच ऐसा भी रहा, जिसने दुनिया को हिलाकर रख दिया। हम बात कर रहे हैं आज से लगभग करीब 30 साल पहले वर्ल्ड कप के एक ऐसे मुकाबले की, जिसके बाद टीम के कप्तान का ही मर्डर कर दिया गया।
कोलंबिया को माना जा रहा था वर्ल्ड कप का दावेदार
ये कहानी है कोलंबिया के पूर्व डिफेंडर आंद्रे एस्कोबार की। एस्कोबार 1994 में अमेरिका में खेले गए फुटबॉल वर्ल्ड कप में कोलंबिया के कप्तान थे। उनकी कप्तानी में टीम ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया था। यहां तक कि कोलंबिया को वर्ल्ड कप का दावेदार माना जाने लगा। ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले तक का मानना था कि एस्कोबार की कप्तानी में टीम कम से कम सेमीफाइनल तक तो पहुंच सकती है क्योंकि उसने क्वालीफाइंग राउंड में अर्जेंटीना को 5-0 से शिकस्त देकर बड़ा धमाका कर दिखाया था, लेकिन इसके बावजूद उसे अपने ही मुल्क के लोगों से एक डर था। ड्रग माफियाओं का बोलबाला इस कदर हावी था कि इसने अपनी जद में खेल को भी जकड़ लिया। इन माफियाओं का बड़ा पैसा सट्टेबाजी में इंवॉल्व था। जो वर्ल्ड कप में फिक्सिंग चाहते थे। टीम पर आतंक का भी साया था।
जान देकर चुकानी पड़ी कीमत
लेकिन मिडल क्लास फैमिली में जन्मे एस्कोबार के सपने बड़े थे। वह सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए 22 वर्ष की उम्र में अपनी टीम को लगातार जीत दिलाते हुए नेशनल हीरो भी बन गए, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका एक आत्मघाती गोल उन्हें एक झटके में विलेन बना देगा। जिसकी वजह से उन्हें अपनी जान भी गंवानी पड़ी। अब आपको उस मुकाबले के बारे में बताते हैं- जिसकी वजह से एस्कोबार को अपनी जान गंवानी पड़ी।
22 जून 1994 का वो मुकाबला...
दरअसल, अमेरिका के खिलाफ 22 जून 1994 को बड़ा मुकाबला खेला गया। अपना पहला मुकाबला रोमानिया के खिलाफ 3-1 से हारने के बाद एस्कोबार पर अपनी टीम को अगले राउंड तक ले जाने का दबाव था। वह इसके लिए हर संभव कोशिश कर रहे थे, लेकिन 35वें मिनट में अमेरिका के जॉन हार्केस बॉल को लेकर तेजी से आगे बढ़े, उन्होंने अपने साथी खिलाड़ी को पास देना चाहा। इस बीच एस्कोबार ने इसे रोकने के लिए पैर आगे बढ़ाया, लेकिन यह गोल कोलंबिया के गोलपोस्ट में ही चला गया और इस आत्मघाती गोल की वजह से पूरी टीम दबाव में आ गई।