भारत की वायु शक्ति के ‘Tejas’ विमान के ‘तेज’ पर मुरीद पूरी दुनिया, जानें खूबियां
Tejas aircraft
डॉ. आशीष कुमार। तेजस विमान (tejas aircraft) भारत का स्वदेशी रूप से विकसित लड़ाकू विमान है, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अन्य निजी कंपनियों के सहयोग से डिजाइन किया है। तेजस (tejas) का विकास 1983 में शुरू हुआ और पहली सफल उड़ान भरने इसे लगभग तीन दशक लग गए।
तेजस एक हल्का, मल्टीरोल, सिंगल इंजन वाला लड़ाकू विमान है, जिसे वायु रक्षा, जासूसी और हमलों के लिए डिजाइन किया गया है। तेजस विमान के विकास ने भारत में एक मजबूत एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में भी मदद की है। तेजस को दुनिया के आधुनिक विमानों की श्रेणी में रखा जा रहा है। दुनिया के कई देश इसकी खूबियों को देखते हुए इसकी खरीद में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
तेजस विमान की खूबियां (Features of Tejas aircraft)
तेजस विमान में डेल्टा विंग डिज़ाइन है, जो हमले के समय उच्च कोणों पर उत्कृष्ट गतिशीलता और स्थिरता प्रदान करता है। तेजस की लंबाई 13.20 मीटर, पंखों का फैलाव 8.20 मीटर और ऊंचाई 4.40 मीटर है। विमान का अधिकतम टेकऑफ़ वजन 13,500 किलोग्राम है। यह अधिकतम 4,000 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकता है।
तेजस विमान सिंगल जनरल इलेक्ट्रिक टर्बोफैन इंजन द्वारा शक्ति प्राप्त करता है, जो 84 न्यूटन टन का थ्रस्ट पैदा करता है। विमान की अधिकतम गति 1.8 मैक है। तेजस की अधिकतम रेंज 3,000 किमी है।
तेजस की मारक क्षमता (Tejas firepower)
तेजस विमान में डिजिटल फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम के साथ ग्लास कॉकपिट है। विमान के एवियोनिक्स सूट में एक रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और एक टारगेट निर्धारित करने वाला पॉड शामिल होता है। विमान हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल, बम और रॉकेट सहित कई तरह के हथियार ले जा सकता है।
भारतीय वायु सेना में तेजस की एंट्री (Tejas entry in Indian Air Force)
तेजस विमान को 2016 में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था। सेना द्वारा एचएएल को 123 तेजस विमानों का ऑर्डर दिया गया है। तेजस का पहले ही कई संयुक्त सैन्य अभ्यासों में इस्तेमाल किया जा चुका है, जिसमें 2018 का गगन शक्ति अभ्यास भी शामिल है, जहां इसने हवा से हवा और हवा से जमीन पर मिशन में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया था। भारतीय वायुसेना के अलावा भारतीय नौसेना ने भी तेजस विमान में रुचि दिखाई है। तेजस का नौसैनिक संस्करण विकास के अधीन है, जिसे तेजस नौसैनिक संस्करण के रूप में जाना जाता है। तेजस नौसैनिक संस्करण को विमान वाहक पोत से संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है।
तेजस विमान का तकनीकी अपग्रेडशन (Technical upgradation of Tejas aircraft)
तेजस विमान वर्तमान में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई तकनीकी विकास के दौर से गुजर रहा है। तेजस डेल्टा1 वैरिएंट, जिसके 2023 में सेवा में प्रवेश करने की उम्मीद है। इसमें तकनीकी उपकरण के रूप में सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक रडार, नया इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और मध्य-हवा में ईंधन भरने की क्षमता सहित कई अपग्रेडशन शामिल हैं। तेजस का डेल्टा1 वैरिएंट में एक अधिक शक्तिशाली इंजन और उन्नत एवियोनिक्स होगा, जिससे यह अधिक सक्षम लड़ाकू विमान बन जाएगा।
भारतीय एयरोस्पेस उद्योग की महत्वपूर्ण उपलब्धि (Significant Achievement of Indian Aerospace Industry)
तेजस विमान भारत के एयरोस्पेस उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह स्वदेशी रूप से उन्नत सैन्य हार्डवेयर विकसित करने और उत्पादन करने की भारत की क्षमता का प्रतीक है। तेजस विमान के संचालन ने भारत की रक्षा क्षमताओं और रक्षा क्षेत्र में अग्रणी निर्यातक देश बनने की संभावनाओं बढ़ावा दिया है। तेजस विमान से देश के सैन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।
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