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वैज्ञानिकों को मिली सोना बनाने की अद्भुत फैक्ट्री, कुछ ही सेकंडों में बना दिया अथाह सोना और प्लेटिनम

Space News: अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने हमारी मिल्की वे के पास एक आकाशगंगा में असामान्य रूप से शक्तिशाली गामा किरणों के विस्फोट (GRB 211211A) का पता लगाया है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस विस्फोट का कारण दो न्यूट्रॉन स्टार का विलय हो सकता है। इसकी प्रकाश तीव्रता एक किलोनोवा आंकी गई है। आमतौर पर ऐसा तभी होता […]

Image Credit: commons.wikimedia.org
Space News: अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने हमारी मिल्की वे के पास एक आकाशगंगा में असामान्य रूप से शक्तिशाली गामा किरणों के विस्फोट (GRB 211211A) का पता लगाया है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस विस्फोट का कारण दो न्यूट्रॉन स्टार का विलय हो सकता है। इसकी प्रकाश तीव्रता एक किलोनोवा आंकी गई है। आमतौर पर ऐसा तभी होता है जब न्यूट्रॉन स्टार आपस में टकराते हैं या न्यूट्रॉन स्टार किसी ब्लैक होल से टकराता है। नासा के नील गेहरल्स स्विफ्ट वेधशाला और फर्मी गामा-रे स्पेस टेलीस्कोप द्वारा दिसंबर 2021 में इस विस्फोट का पता लगाया गया था। इसमें इन्फ्रारेड प्रकाश की अधिकता थी और यह बहुत कम समय के लिए हुआ था। इसी से वैज्ञानिकों ने अंदाजा लगाया कि यह सुपरनोवा न होकर कुछ अलग है। अमेरिका में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी में जिलियन रास्टीनजाद के नेतृत्व में की गई इस रिसर्च में ब्रिटेन में बर्मिंघम विश्वविद्यालय और लीसेस्टर विश्वविद्यालय और नीदरलैंड में रेडबौड विश्वविद्यालय के भौतिकविदों ने भी काम किया था। यह भी पढ़ें: NASA को आसमान में दिखा ‘प्रश्न चिह्न’, खोल सकता है ब्रह्मांड के अनसुलझे रहस्य

क्यों खास है यह विस्फोट

नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार यह एक किलोनोवा था जो बहुत ही दुर्लभ घटना है। इस घटना में दो या अधिक न्यूट्रॉन स्टार अथवा न्यूट्रॉन स्टार और ब्लैक होल आपस में टकराते हैं। इस घटना के फलस्वरूप सोना और प्लेटिनम जैसी भारी धातुओं का निर्माण होता है। बर्मिंघम विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मैट निकोल के अनुसार इस घटना में हमारी पृथ्वी से भी करीब एक हजार गुणा अधिक वजन वाले भारी तत्वों (लोहा, सोना, प्लेटिनम आदि) का निर्माण हुआ। निकोल के अनुसार यह इस विचार का समर्थन करता है कि ये किलोनोवा ब्रह्मांड में सोने बनाने की मुख्य फैक्ट्री है। लीसेस्टर विश्वविद्यालय के पोस्ट-डॉक्टरल शोधकर्ता डॉ. गेविन लैम्ब ने कहा कि गामा-किरण विस्फोट के बाद एक आफ्टरग्लो होता है जो लगातार कई दिनों तक बना रह सकता है। ये आफ्टरग्लो बहुत अलग तरीके से व्यवहार करते हैं, और उनका अध्ययन करके हम ब्रह्मांड में होने वाले सुपरनोवा या किलोनोवा जैसे घटनाओं में बनने वाले भारी तत्वों तथा अन्य अवशेषों का पता लगा सकते हैं।

GRB 211211A से होगा बड़ा खुलासा

बर्मिंघम विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. बेंजामिन गोम्पर्ट्ज़ ने कहा कि यह एक उल्लेखनीय जीआरबी था। हमें उम्मीद नहीं है कि विलय लगभग दो सेकंड से अधिक चलेगा। इस तरह के असामान्य व्यवहार को लंबे समय तक चलने वाले न्यूट्रॉन तारे द्वारा समझाया जा सकता है, लेकिन हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि हमने जो देखा वह एक न्यूट्रॉन तारे को ब्लैक होल से अलग करता है। उनके अनुसार इन घटनाओं का अधिक अध्ययन करने से हमें यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि कौन सा सही उत्तर है और जीआरबी 211211ए से हमें जो विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई है वह इस व्याख्या के लिए अमूल्य होगी।


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