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वैज्ञानिकों को मिला पॉलिथीन खाने वाला बैक्टीरिया, जल्द खत्म होगी प्लास्टिक वेस्ट की समस्या

Science News: दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा प्लास्टिक वेस्ट पूरे विश्व के लिए बहुत बड़ा संकट बनता जा रहा है। इस समस्या से निजात पाने के लिए वैज्ञानिक लगातार नई खोज में लगे हैं। इसी क्रम में अब उन्हें एक ऐसा खजाना मिल गया है जो प्लास्टिक वेस्ट को खत्म कर देगा। खतरनाक […]

Science News: दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा प्लास्टिक वेस्ट पूरे विश्व के लिए बहुत बड़ा संकट बनता जा रहा है। इस समस्या से निजात पाने के लिए वैज्ञानिक लगातार नई खोज में लगे हैं। इसी क्रम में अब उन्हें एक ऐसा खजाना मिल गया है जो प्लास्टिक वेस्ट को खत्म कर देगा।

खतरनाक प्लास्टिक को भी कर देंगे खत्म

वैज्ञानिकों के एक अन्तरराष्ट्रीय दल ने कुल 184 फंगस और 55 बैक्टीरिया की खोज की है। ये सभी पॉलीकैप्रोलेक्टोन (PCL) के डिकम्पोज करने की क्षमता रखते है। आपको बता दें कि पॉलीकैप्रोलेक्टोन इस वक्त विभिन्न पॉलियूरेथिन्स बनाने में काम आते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा ढूंढे गए बैक्टीरिया में से genera Jonesia और Streptomyces बैक्टीरिया पेट्रोलियम से बनने वाले प्लास्टिक को भी नेचुरल मोलिक्यूल्स में बदलने की क्षमता रखते हैं। यह भी पढ़ें: एक्सरसाइज करने से शरीर के साथ-साथ दिमाग भी बनता है तंदरुस्त और ज्यादा फुर्तीला मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मई 2021 में पूर्वी चीन में येलो सी कॉस्ट के निकट एक यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइज के पास से कुछ बैक्टीरिया को भी एकत्रित किया गया था। इस समय वैज्ञानिक तेजी से ऐसे माइक्रोऑर्गेनिज्म की तलाश में जुटे हुए हैं जो प्लास्टिक वेस्ट खत्म कर सकें। यूनाइटेड नेशन्स एनवारयर्मेंट प्रोग्राम (UNEP) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार हर वर्ष करीब 400 मिलियन टन प्लास्टिक वेस्ट पैदा होता है। प्राकृतिक रूप से प्लास्टिक सैकड़ों-हजारों सालों में विघटित होता है। ऐसे में तेजी से बढ़ता प्लास्टिक वेस्ट पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकता है। यही कारण है कि वैज्ञानिक ऐसे फंगस या बैक्टीरिया ढूंढने पर काम कर रहे हैं जो इसे कम से कम समय में छोटे अणुओं में तोड़ सके और उसका कोई साईड इफेक्ट भी नहीं हो। यह भी पढ़ें: वैज्ञानिकों ने बनाया दुनिया का पहला 3-पैरेंट वाला Super Kid, कभी नहीं होंगी ये बीमारियां, ये गुण भी होंगे ऐसे समय में फंगस और बैक्टीरिया पर शोधकर्ताओं की उम्मीदें टिकी हुई हैं। इन माइक्रोऑर्गनिज्म के जरिए न केवल प्लास्टिक वरन प्रोटीन और कॉर्बोहाईड्रेट जैसे अणु भी डिकम्पोज किए जा सकते हैं। इनमें भी फंगस को लेकर वैज्ञानिक ज्यादा उत्साहित हैं। ये न केवल जटिल अणुओं को सुरक्षित तरीके से खत्म कर सकते हैं वरन इन्हें अलग-अलग जगहों पर भी कई महत्वपूर्ण प्रयोगों में भी काम लिया जा सकता है।


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