वैज्ञानिकों ने पता लगाया, आधुनिक मानव निएंडरथल मानव के कितना समान
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Science news: डॉ. आशीष कुमार। वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि निएंडरथल मानव (Neanderthal primate) के जीन आधुनिक मनुष्यों के जीनोम का 1 से 4 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं। निएंडरथल मानव अफ्रीका से बाहर चले गए थे और समय के साथ पूरी दुनिया में फैल गए थे। अब वैज्ञानिक अध्ययनों से पता लगाया गया है कि निएंडरथल मानव के जीन अभी भी सक्रिय रूप से आधुनिक मानव के आनुवांशिक लक्षणों (genetic characters) को प्रभावित कर रहे हैं।
कॉर्नेल विश्वविद्यालय के नेतृत्व में दुनिया की विभिन्न संस्थाओं के वैज्ञानिकों ने गैर-अफ्रीकी वंश और निएंडरथल के मनुष्यों के बीच 50,000 साल पुराने अंतः प्रजनन के आनुवंशिक प्रभावों की जांच करने के लिए कम्प्यूटेशनल आनुवंशिक उपकरणों का एक नया सेट बनाया है। यह अध्ययन विशेष रूप से उन लोगों के वंशजों पर लागू होता है जो निएंडरथल के खत्म होने से पहले अफ्रीका से आए थे। इसमें विशेष रूप से यूरोपीय मूल के लोगों को सम्मिलित किया गया।
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ई लाइफ पत्रिका में प्रकाशित एक शोध पत्र में, शोधकर्ताओं ने बताया कि कुछ निएंडरथल जीन आधुनिक मनुष्यों में कुछ लक्षणों के लिए जिम्मेदार हैं, जिनमें कई ऐसे भी हैं जिनका मानव की प्रतिरक्षा प्रणाली पर महत्वपूर्ण प्रभाव है। अध्ययन से पता चलता है कि आधुनिक मानव जीन लगातार पीढ़ियों में अपना सफर करते रहे हैं और पूर्वजों से चलकर मौजूदा दौर तक पहुंचे हैं।
वैज्ञानिकों ने अध्ययन के लिए यूके बायो बैंक के एक विशाल डेटासेट का उपयोग किया। इस डाटाबेस में गैर-अफ्रीकी वंश के लगभग तीन लाख ब्रिटिश लोगों की आनुवंशिक विशेषता की जानकारी शामिल है। अध्ययन में यूनाइटेड किंगडम में रहने वाले श्वेत व्यक्तियों के डेटा सेट का उपयोग किया गया था। शोध में निएंडरथल से उत्पन्न होने वाले 235,000 से अधिक आनुवंशिक वेरिएंट का विश्लेषण किया गया, उन्होंने पाया कि डीएनए (DNA) में उन वैरिएंटस में से 4,303 वैरिएंट आधुनिक मनुष्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और 47 विशिष्ट आनुवंशिक लक्षणों को प्रभावित कर रहे हैं, जैसे कि कोई व्यक्ति कितनी तेजी से कैलोरी बर्न कर सकता है या किसी व्यक्ति की कुछ बीमारियों के प्रति प्राकृतिक प्रतिरक्षा क्षमता कितनी है। इस अध्ययन के जरिए आधुनिक मनुष्यों पर पुरातन मनुष्यों के आनुवंशिक समानताओं और प्रभावों को गहराई से समझा जा सकेगा। .
(लेखक इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्टडीज (ISOMES) में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं)
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