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चंद्र गहण के साथ घटेंगी दो और दिलचस्प घटनाएं; हंटर मून देगा दिखाई, सबसे बड़ा ग्रह जुपिटर भी होगा करीब

Chandra Grahan 2023: 28 अक्टूबर को भारत समेत बहुत से देशों में कुदरत का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। इस दिन चंद्र ग्रहण तो है ही, लेकिन ठीक उसी दौरान हंटर मून और इसके ठीक नीचे सबसे बड़ा ग्रह ब्रहस्पति भी एक चमकदार तारे के रूप में नजर आएगा।

lunar eclipse 2023: आश्विन माह समाप्ति की ओर है और इस बार की पूर्णमासी बेहद खास रहने वाली है। बात हो रही है चंद्र ग्रहण की। दरअसल, 28 और 29 अक्‍टूबर को चांद धरती की छाया से होकर गुजरेगा। भारत, रूस, इटली, जर्मनी, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र और अल्जीरिया जैसे देशों में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इसी के साथ दो खगोलीय घटनाएं और घटने वाली हैं, जो अपने आप में अद्भुत होंगी। वैज्ञानिकों की मानें तो ग्रहणकाल के दौरान अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के कई देशों में हंटर मून भी देखा जाएगा, वहीं इससे पहले सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति भी फुल मून के ठीक नीचे चमकता नजर आएगा। आइए इन घटनाओं के बारे में थोड़ा विस्तार से जानें... बता दें कि अक्टूबर के फुल मून को बहुत से वैज्ञानिक हंटर मून के नाम से जानते हैं। हंटर मून, हार्वेस्ट मून के बाद आने वाली पूर्णिमा को कहते हैं। इस दिन ऐसा नजारा होने की वजह चांद और सूरज के एकदम आमने-सामने होती है। साधारण शब्दों में एक ओर सूर्यास्त हो रहा होता है तो दूसरी तरफ चंद्रोदय। इस बार 28 अक्टूबर की शाम को आंशिक चंद्र ग्रहण और हंटर मून एक साथ नजर आएंगे। यह भी पढ़ें: 51 साल पुराना फावड़ा 7.27 करोड़ रुपये में नीलाम, चांद पर मिट्टी खोदने के लिए किया था यूज न्यूयॉर्क और कुछ और अमेरिकी राज्यों में लोगों सिर्फ 28 अक्टूबर के आंशिक ग्रहण के बाद वाले उपछाया चरण को ही देख पाएंगे, क्‍योंकि पहले चरणों के दौरान चंद्रमा क्षितिज से नीचे होगा। ग्रहण का आखिरी चरण अमेरिका के न्यूयॉर्क, अलास्का और उत्तरी कैरोलिना में नजर आएगा। हालांकि भी पूरी तरह से दिखाई नहीं देगा। जहां तक इसकी वजह की बात है, वाे ये है कि सूरज, चांद और धरती एक रेखा में नहीं होंगे। चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी की छाया के सबसे अंधेरे हिस्से में खिसकेगा। अक्‍टूबर 2023 के बाद अब अगला चंद्रग्रहण साल 2025 में देखने को मिलेगा। दूसरी ओर हंटर मून 28 अक्टूबर की शाम को फुल मून के ठीक नीचे ब्रहस्पति भी एक चमकदार सितारे की तरह दिखाई देगा। हालांकि सच्चाई ये है कि ये दोनों एक-दूसरे से काफी दूर होंगे। बृहस्पति ग्रह चंद्रमा से 1500 गुना अधिक दूर स्थित है।


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