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रातभर नहीं सो पाईं Aditya L-1 का ‘दिल’ बनाने वाली ये साइंटिस्ट, जानें क्या है वजह

ISRO’s Solar Mission Aditya L-1, भोपाल: हमारे शरीर में हर अंग का अपना काम है, लेकिन सबसे ज्यादा अहमियत रखता है दिल (Heart)। अगर यह ब्लड की पम्पिंग रोक दे तो फिर पूरी बॉडी का कोई मोल नहीं। चंद्रयान-3 की कामयाबी के बाद अब श्री हरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सूर्य मिशन के लिए लिए उड़ान […]

ISRO's Solar Mission Aditya L-1, भोपाल: हमारे शरीर में हर अंग का अपना काम है, लेकिन सबसे ज्यादा अहमियत रखता है दिल (Heart)। अगर यह ब्लड की पम्पिंग रोक दे तो फिर पूरी बॉडी का कोई मोल नहीं। चंद्रयान-3 की कामयाबी के बाद अब श्री हरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सूर्य मिशन के लिए लिए उड़ान भर चुके आदित्य L-1 का यह सबसे अहम हिस्सा यानि विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) पेलोड मध्य प्रदेश की वैज्ञानिक प्रिया कृष्णकांत शर्मा की टीम ने बनाया है। बड़ी बात है कि एक ओर इस महान मिशन की लॉन्च का काउंटडाउन चल रहा था, दूसरी ओर इसके दिल को बनाने वाली प्रिया के दिल की धड़कनें बढ़ती जा रही थी। वह रातभर सो भी नहीं सकीं। आइए जानें-कौन हैं प्रिया कृष्णकांत शर्मा... मध्य प्रदेश के महेश्वर से ताल्लुक रखती प्रिया के पिता श्याम गावशिंदे और सास गायत्री गावशिंदे टीचर हैं। भाई गौरव एक न्यायालय में कर्मचारी है। बड़वाह की नर्मदा नगर कॉलोनी में रहते ससुराल पक्ष में ससुर राकेश शर्मा मध्य प्रदेश बिजली बोर्ड (MPEB) में कार्यरत हैं तो सास संगीता शर्मा गृहिणी हैं। वह (प्रिया) बेंगलुरु में एक निजी कंपनी में काम कर रहे पति कृष्णकांत शर्मा के साथ रहती हैं।
  • मध्य प्रदेश के महेश्वर से ताल्लुक रखती हैं टीचर की बेटी प्रिया, बेंगलुरु में रह रही हैं एक निजी कंपनी में काम कर रहे पति कृष्णकांत शर्मा के साथ

प्रिया रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में भी कार्य कर चुकी हैं। इससे पहले महेश्वर के एक निजी इंजीनियरिंग संस्था से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग कर चुकी प्रिया ने SGSITS इंदौर से ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स में M Tech किया। लगभग 6 महीने इंदौर IIT में काम किया। लगभग तीन साल तक देश की इस प्रतिष्ठित संस्था में काम किया है, वहीं अक्टूबर 2019 से सितंबर 2022 तक DRDO में विभिन्न रिसर्च से जुड़ी रहीं। उन्हीं के आधार पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) बेंगलुरु में सलेक्ट हो गईं। अब वहीं से इंडियन स्पेस रिसर्ट ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) के पहले सोलर मिशन आदित्य L-1 (Aditya L-1) में लगे 7 पेलोड्स में से सबसे महत्वपूर्ण विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) पेलोड को बनाने वाली टीम का हिस्सा प्रिया कृष्णकांत शर्मा रही हैं। ये भी पढ़ें Aditya L1 Launch : ISRO की एक और सफलता, सूर्य मिशन आदित्य-एल1 हुआ लॉन्च मिशन Aditya-L1 के पीछे इन साइंटिस्ट का अहम किरदार, चंद्रयान से भी है कनेक्शन

क्या करेगा प्रिया की टीम का बनाया यंत्र?

श्री हरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च के पहले इस अतरिक्ष यान के ऑप्टिकल टैस्ट में प्रिया की प्लानिंग और सिम्युलेशन की फाइंडिंग्स पूरी टीम के लिए मददगार साबित हुई। इस उपलब्धि से बेहद खुश नजर आ रही प्रिया ने बताया कि इस मिशन के लिए वह रोमांचित थीं, इतनी कि रात में नींद ही नहीं आई। प्रिया चंद्रयान 3 की तरह आदित्य एल-1 की कामयाबी के हर वक्त प्रार्थना कर रही हैं, वहीं अपनी टीम के साथ लगातार चर्चा कर रही हैं। शुक्रवार देर शाम तक भी इंस्टीट्यूट में टीम के साथ मीटिंग कर रही थीं। प्रिया के मुताबिक विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) पेलोड का काम सूरज के इर्द-गिर्द वायुमंडल का अध्ययन करना है। साथ ही सौर वायुमंडल में लगातार उठने वाले तूफान का धरती पर पड़ने वाले असर पर स्टडी इस पेलोड की मदद से की जाएगी। पता लगाया जाएगा कि सूरज की सतह और वायुमंडल के तापमान में क्यों और कितना अंतर है।


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