सबसे शक्तिशाली कण से 10 लाख गुना ज्यादा है इसकी एनर्जी, वैज्ञानिकों ने खोज निकाला कौन सा पार्टिकल!
प्रतीकात्मक तस्वीर (ANI)
सभी इस बात को जानना चाहते हैं कि आखिर इस दुनिया को किसने बनाया और यह कैसे बनी, लेकिन वैज्ञानिकों के लिए अभी तक यह ब्रह्मांड रहस्य ही बना हुआ है। इसके पीछे कौन सी इंजीनियरिंग है। क्या यह अपने आप से बना है या इसके पीछे किसी बड़ी शक्ति का हाथ है। यह गुत्थी अनसुलझी ही है। इंसान समय-समय पर जरूर इसके रहस्य के बारे में कुछ दावे करता है, लेकिन इसे सुलझाना इतना आसान नहीं है। इसके पीछे बिग बैंग थ्योरी भी दी गई है। इसके बाद हिग्स बोसोन और हिग्स फिल्ड का जन्म हुआ।
'गॉड पार्टिकल' और 'ओह माय गॉड!' के बाद अब वैज्ञानिकों ने 'Sun Goddess' कण की खोज की है। ये कॉस्मिक किरणें OMG पार्टिकल जितनी ताकतवर हैं। इसके बारे में यूटा यूनिवर्सिटी ने जानकारी दी है।
WION की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में वैज्ञानिकों ने कुछ शक्तिशाली कणों का पता लगाने में कामयाबी हासिल की है, जैसे कि हिग्स बोसोन। इसे गॉड पार्टिकल भी कहा जाता है। साथ ही "ओह माय गॉड!" कण, एक अकल्पनीय रूप से ऊर्जावान ब्रह्मांडीय किरण, जिसे 1991 में खोजा गया था। लेकिन अब रिसर्चर्स ने एक बिल्कुल नए उप-परमाणु कण की खोज की है जिसकी ऊर्जा मानवता के सबसे शक्तिशाली कण त्वरक द्वारा उत्पन्न की जा सकने वाली ऊर्जा से दस लाख गुना अधिक है।
ये भी पढ़ें-क्या आपको मालूम है भगवान के घर के बारे में? मायथोलॉजिस्ट ने बता दी बड़ी बात
आकाशगंगा संबंधी घटनाएं उत्पन्न करती हैं रहस्यमयी किरणें
जापानी पौराणिक कथाओं में 'सूर्य देवी' (Sun Goddess) के नाम पर अमेतरासु कण का उपनाम दिया गया, वैज्ञानिकों ने यूटा के पश्चिमी रेगिस्तान में स्थित कॉस्मिक किरण वेधशाला में इस कण को देखा, जिसे टेलीस्कोप ऐरे के नाम से जाना जाता है। ये कण अंतरिक्ष के सुदूर क्षेत्रों से आते हैं। इन्हें कॉस्मिक किरणों के रूप में जाना जाता है। अभी तक ब्रह्मांडीय किरणों और उनकी उत्पत्ति के बारे में ज्यादा पता नहीं है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि ज्यादातर आकाशगंगा संबंधी घटनाएं रहस्यमयी किरणें उत्पन्न करती हैं।
टेलीस्कोप ऐरे ने 27 मई, 2021 को 'सूर्य देवी' कण की खोज की, जब यह यूटा के ऊपर वायुमंडल से टकराया। नासा के मुताबिक 30 साल पहले खोजा गया "ओह माय गॉड पार्टिकल" 320 एक्सा-इलेक्ट्रॉन वोल्ट था। नासा के मुताबिक इसकी तुलना में ध्रुवीय अरोरा में एक इलेक्ट्रॉन लगभग 40,000 इलेक्ट्रॉन वोल्ट की ऊर्जा रखता है।
ये भी पढ़ें-लोगों की मौत से पैसा कैसे कमा रहे हैं ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय? रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.