Chandrayaan-3 Update ISRO: हमारे मून-मिशन चंद्रयान-3 पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की इस खास उपलब्धि से न केवल भारत, बल्कि दुनियाभर के वैज्ञानिकों को चांद के रहस्यों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिल रही हैं। हालांकि इसरो के पास समय कम है। फिलहाल चांद पर दिन है। यह पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। लैंडर के 23 अगस्त को चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर महत्वपूर्ण जानकारियां भेज रहे हैं।
सल्फर की मौजूदगी स्पष्ट
मंगलवार को इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद के निदेशक नीलेश देसाई ने चंद्रयान-3 मिशन से जुड़ी महत्वपूर्ण बात बताई। उन्होंने कहा कि पहले चास्टे पेलोड से तापमान के माइनस 10 से लेकर प्लस 50 डिग्री सेल्सियस तक का पता चला था। रोवर पर दो पेलोड हैं। उन्होंने आगे बताया कि एक्स-रे स्पेक्ट्रोग्राफ और दूसरा लेजर-इंस्पायर्ड स्पेक्ट्रोग्राफ अपना काम कर रहे हैं। इसके प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, दक्षिणी ध्रुव में सल्फर की रेखा स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। यानी दक्षिणी ध्रुव में सल्फर की मौजूदगी स्पष्ट रूप से दिखाई दी है।
3 सितंबर तक का ही समय
देसाई ने आगे कहा- सल्फर की लाइनें पहले अन्य जगह पर उतनी क्लैरिटी से नहीं दिखती थीं। साउथ पोल पर जिस भी जमीन का एनालिसिस किया गया है उसमें सल्फर साफ है। ये अपने आप में अलग तरीके की खोज है। देसाई ने चंद्रयान-3 के लिए डेडलाइन भी बताई। उन्होंने कहा हमारे पास 3 सितंबर रविवार शाम तक का ही समय है। हम समय के खिलाफ दौड़ कर रहे हैं।
रोवर 15 मीटर के आसपास चल रहा है। हम इसे जितना ज्यादा हो सके घुमाने की कोशिश कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि ये दिन में कम से कम 30 मीटर तक मूवमेंट करे, लेकिन रोवर का मूवमेंट उतना ज्यादा नहीं हो पाया है। रोवर के दोनों सेंसर काम कर रहे हैं। जबकि लैंडर के सेंसर अपनी जगह पर हैं। हमें इनसे महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हो रही हैं।