Former ISRO Chief K Sivan on Chandrayaan-3: भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर कदम रखते ही इतिहास रच दिया है। बुधवार को विक्रम लैंडर की सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद भारत साउथ पोल पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसके साथ ही भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चांद पर लैंड करने वाला दुनिया का चौथा देश भी बन गया है। भारत की सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि आज से चार साल पहले चंद्रयान-2 से संपर्क कटने के बाद निराशा हाथ लगी, लेकिन वैज्ञानिकों ने हार नहीं मानी।
पिछले चार सालों से कर रहे थे इंतजार
दिन-रात एक कर इस मिशन को सफल बनाने में जुट गए और आज सफलता सबके सामने है। चंद्रयान-3 की सफलता पर पूर्व इसरो चीफ के. सिवन भी काफी खुश हैं। के. सिवन ने कहा- हम बहुत एक्साइटेड हैं। हम इसका पिछले चार सालों से इंतजार कर रहे थे। मैं इस सफलता पर बेहद खुश हूं और देशवासियों को बधाई देता हूं। सरकार हमारे साथ है और वह हमें सपोर्ट कर रही है।
दुनियाभर के वैज्ञानिक इस्तेमाल कर पाएंगे डेटा
सिवन ने आगे कहा- चंद्रयान-3 का साइंस डेटा सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि दुनियाभर के लिए वैज्ञानिकों के लिए होगा। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस डेटा का उपयोग कर पाएंगे। वे इससे नई चीजें डिस्कवर कर पाएंगे। इसलिए इसमें दुनियाभर के वैज्ञानिकों की रुचि है।
रो पड़े थे के. सिवन
के.सिवन वही थे जो चंद्रयान-2 से मिली निराशा के बाद रो पड़े थे। उन्हें पीएम मोदी ने गले लगाकर दिलासा दिया था। इसरो हेडक्वार्टर में पहुंचे पीएम मोदी ने सिवन का रोते हुए हौसला बढ़ाया था। दरअसल, चंद्रयान-2 में महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया था। हालांकि मिशन फेल नहीं हुआ था और ऑर्बिटर चांद की कक्षा में काम करता रहा, लेकिन भारत का वो लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया। अब न केवल भारत का लक्ष्य पूरा हुआ है, बल्कि दुनियाभर के लिए एक नजीर भी पेश की है।