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जानिए किन लोगों को नहीं खाना चाहिए भंडारा?

हिंदू धर्म में भगवान का प्रसाद खाना शुभ माना जाता है। वहीं, कुछ विद्वान भंडारे में खाना खाने को सही नहीं मानते हैं। उनके अनुसार किसी भी सक्षम व्यक्ति को भंडारे में बिना किसी दान या श्रम के भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है।

हिंदू धर्म ही नहीं अन्य धर्मों में भंडारे, लंगर जैसे कई सारे आयोजन कराए जाते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद को भोजन कराना होता है। ऐसे में कई धन से सक्षम लोग भी प्रसाद मानकर भंडारे में जाकर भोजन कर लेते हैं। जिसको कई धर्म के जानकार गलत मानते हैं। संत प्रेमानंद महाराज के अनुसार भंडारे में किसी भी ऐसे गृहस्थ व्यक्ति को भोजन नहीं करना चाहिए, जो आर्थिक रूप से सक्षम हो। उनके अनुसार भंडारे में बंटने वाला प्रसाद जरूरतमंदों और भिक्षा से जीवन यापन करने वालों का होता है। संत प्रेमानंद महाराज ने एक भक्त के सवाल का उत्तर देते हुए बताया कि जब भी मंदिर में कोई भंडारा या प्रसाद बंटे तो उसको आप ग्रहण कर सकते हैं, लेकिन अगर किसी अन्य जगह पर कोई व्यक्ति भंडारा कर रहा है तो उसको ग्रहण करना शास्त्रों के अनुसार अनुचित है।

क्यों नहीं कर सकते हैं ग्रहण?

संत प्रेमानंद महाराज के अनुसार अगर किसी व्यक्ति ने गलत तरीके से धन कमाया है और वह भंडारा कर रहा है तो उस भंडारे में भोजन ग्रहण करके आप भी उस पाप के भागी बन सकते हैं। इस कारण गृहस्थ को हमेशा भोजन खरीद कर या कमाकर ही करना चाहिए। वहीं, मनुस्मृति, शांडिल्य संहिता और भागवत पुराण के अनुसार भिक्षा मांगकर जीवन यापन करने वाले, कन्या और संतों को किसी भी जगह पर भोजन करने से पाप नहीं लगता है।

ऐसे कर सकते हैं भोजन

अगर आप भंडारे का भोजन करें भी तो वहां पर या तो कुछ कार्य कराकर श्रमदान करें या फिर कुछ धन का दान अवश्य करें। बिना किसी भी दान के आप भंडारे का भोजन ग्रहण न करें। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। ये भी पढ़ें- विपत्तियां लाता है बालकनी में रखा ये सामान,आज ही कर दें घर से आउट!  


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