Who is Devvrat Mahesh Rekhe: उत्तर प्रदेश के काशी में संस्कृत, वेद और शास्त्रों के अध्ययन के लिए देशभर से विद्यार्थी आते हैं. काशी में अध्ययन के लिए महाराष्ट्र से आए 19 वर्षीय देवव्रत महेश रेखे ने बड़ा कारनामा किया है. देवव्रत महेश रेखे ने दंड कर्म परायण पूरा किया है. बता दें कि, देवव्रत महेश रेखे सांगवाद विश्वविद्यालय वाराणसी के छात्र हैं. उन्होंने दंड कर्म परायण का रोजाना अभ्यास कर इसे पूरा कर लिया है. इसे कुछ ही लोग आज तक पूरा कर सके हैं.
कौन हैं देवव्रत महेश रेखे?
महेश रेखे महाराष्ट्र के छोटे से गांव के रहने वाले हैं. उनका काशी तक का सफर और वेदमूर्ति की उपाधि प्राप्त करना काफी लंबा रहा. महेश रेखे का जन्म महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ. महेश रेखे के पिता महेश चंद्रकांत रेखे बड़े विद्वान हैं. महेश रेखे के पहले गुरु वहीं रहे हैं. महेश रेखे ने 5 साल की छोटी उम्र से वेद मंत्र बोलना शुरू कर दिया था.
---विज्ञापन---
क्या है दंड कर्म परायण?
दंड कर्म परायण में यजुर्वेद के मंत्रों का विशेष विधि से पाठ किया जाता है. इसमें पदों को सीधा और उल्टा करके पढ़ा जाता है. यह 2000 मंत्रों का एक कठिन पारायण है. ऐसा माना जाता है कि, यजुर्वेद के मंत्रों को पढ़ने विशिष्ट तरीका होता है. देवव्रत रेखे ने इस दंड कर्म परायण को पूरा किया है. इसे पूरा करने के बाद 19 वर्षीय देवव्रत महेश रेखे वेदमूर्ति बन गए हैं. देवव्रत महेश रेखे को वेदमूर्ति की उपाधि दी गई है. वेदमूर्ति वे होते हैं, जिनको वेदों का ज्ञान होता है.
---विज्ञापन---
ये भी पढ़ें - Purnima 2026 Date: 2026 में कब-कब है पूर्णिमा व्रत? यहां देखें पूरी लिस्ट, जानें इस तिथि का महत्व
200 साल बाद किया ऐसा कारनामा
देवव्रत वेदमूर्ति महेश रेखे ने दंड कर्म परायण को पूरा कर 200 साल बाद यह कारनामा किया है. महेश रेखे ने 2 अक्टूबर 2025 से 30 नवंबर 2025 तक काशी के रामघाट स्थित वल्लभराम शालिग्राम सांगवेद विद्यालय में रोजाना 50 दिनों तक सुबह 8 बजे से 12 बजे तक शुक्ल यजुर्वेद के करीब 2000 मंत्रों का दंडक्रम पारायण किया. 200 साल पहले दंड कर्म परायण नासिक के वेदमूर्ति नारायण शास्त्री देव ने किया था.
पीएम मोदी और सीएम योगी ने दी बधाई
वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने बधाई दी. पीएम मोदी ने X पर पोस्ट कर वेदमूर्ति को बधाई दी. देवव्रत महेश रेखे के इस कारनामे के बाद बड़े-बड़े विद्वान हैरान रह गए हैं.