Tulsi Puja Rules: तुलसी का पौधा पूजनीय माना जाता है. तुलसी को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. तुलसी के पूजन से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा सदा बनी रहती है लेकिन अगर तुलसी के पूजन में गलती करते हैं तो इससे मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है और सुख-समृद्धि की कमी होती है. घर-परिवार में सुख-शांति के लिए आपको विधि-विधान के साथ तुलसी की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही तुलसी के पौधे से जुड़े कई नियमों का ध्यान रखना चाहिए. चलिए तुलसी के पौधे से जुड़े इन नियमों के बारे में जानते हैं.
तुलसी की पूजा कैसे करें?
आपको तुलसी की पूजा करने के लिए सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनने चाहिए. इसके बाद तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें. पौधे के समक्ष घी का दीपक जलाएं. तुलसी माता की आरती करें और भोग लगाएं. आपको शाम के समय तुलसी के समक्ष दीपक जलाना चाहिए. लेकिन तुलसी की पूजा के लिए कई दिनों का खास ध्यान रखना चाहिए. इन दिनों तुलसी को जल देना वर्जित होता है.
---विज्ञापन---
ये भी पढ़ें - Lucky Zodiac Signs: दिसंबर में हो रहे ग्रह परिवर्तन मचाएंगे धमाल, चतुर्ग्रही योग से इन 5 राशियों के होंगे वारे-न्यारे
---विज्ञापन---
इन दिनों तुलसी को जल न चढाएं
तुलसी के पौधे को रविवार, एकादशी और ग्रहण के दिन जल नहीं चढ़ाना चाहिए. इन दिनों जल चढ़ाना वर्जित माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि, रविवार के दिन तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन जल चढ़ाने से व्रत टूट जाता है. एकादशी के दिन तुलसी निर्जला व्रत रखती है इस दिन भी जल नहीं चढ़ाना चाहिए. इसके अलावा ग्रहण के समय भूलकर भी तुलसी के पौधे को जल अर्पित न करें.
तुलसी के पत्ते तोड़ने के नियम
रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. आपको ग्रहण के समय भी तुलसी के पत्तों को तोड़ने से बचना चाहिए. ग्रहण शुरू होने से पहले ही आप तुलसी के पत्ते भोजन में डाल दें. अगर आपको इन दिनों या समय पर तुलसी के पत्तों की जरूरत होती है तो तुलसी के पास पहले से गिरे हुए पत्तों का इस्तेमाल करें. सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. आपको तुलसी के पत्ते नाखून से नहीं बल्कि उंगलियों से तोड़ने चाहिए और पत्ते तोड़ने के समय 'ॐ सुभद्राय नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.