Roti Niyam: रोटी को भारतीयों के खान-पान का अहम हिस्सा माना गया है। ज्यादातर घर में रोजाना रोटी बनती है, जिसे अचार से लेकर किसी भी सब्जी के साथ खाया जा सकता है। हालांकि कुछ लोग रोटी को घी और मसालों के साथ भी खाते हैं, जिसका स्वाद लाजवाब होता है। ज्योतिष शास्त्र में भी रोटी का खास महत्व है, जिसका संबंध सूर्य ग्रह से है। सूर्य को नवग्रहों का राजा माना जाता है, जो मान-सम्मान, उच्च पद और नेतृत्व क्षमता के कारक ग्रह हैं।
यदि रोटी को परोसते समय कुछ ज्योतिष नियमों का ध्यान नहीं रखा जाता है, तो इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत नहीं रहती है। ऐसे में न चाहते हुए भी उन्हें सूर्य देव के क्रोध का सामना करना पड़ता है। चलिए विस्तार से जानते हैं रोटी बनाने से लेकर परोसने तक के जरूरी नियमों के बारे में।
रोटी से जुड़े अहम नियम
रोटी बनाने से पहले कई बार माताएं परिवार के सदस्यों से पूछ लेती हैं कि कितना खाओगे, जिसके बाद वो गिन के ही उन्हें रोटी देती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कभी किसी को रोटी गिन के नहीं देनी चाहिए और न ही रोटी बनाने से पहले उन्हें पूछना चाहिए कि आप कितनी रोटी खाओगे।
यदि आप किसी को गिन के रोटी देते हैं, तो इससे आप सूर्य देव का अपमान कर रहे हैं। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत नहीं होती है, उनके घर में कभी भी शांति, सुख, खुशहाली, वैभव और धन की बरकत नहीं होती है। घरवाले किसी न किसी बात को लेकर हमेशा परेशान रहते हैं।
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कब-कब नहीं बनाएं रोटी?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, दिवाली, शीतलाष्टमी, शरद पूर्णिमा और नागपंचमी के दिन घर में रोटी नहीं बनानी चाहिए। वहीं जिस दिन घर में किसी की मृत्यु होती है, तो उस दिन भी रोटी नहीं बनानी चाहिए।
सूर्य को मजबूत करने के उपाय
कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए रविवार के दिन सुबह उठकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
रविवार का व्रत रखने से सूर्य मजबूत होता है।
जिन लोगों की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत नहीं, उन्हें सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए।