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Skanda Sashti 2025: 25 या 26 दिसंबर कब है स्कंद षष्ठी व्रत? भगवान कार्तिकेय की करें पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, विधि और मंत्र

Skanda Sashti 2025: स्कंद षष्ठी व्रत 25 दिसंबर 2026 को है. यह व्रत भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है. स्कंद षष्ठी व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. चलिए स्कंद षष्ठी व्रत पूजा विधि और मंत्र के बारे में जानते हैं.

Photo Credit- News24GFX

Skanda Sashti 2025: पौष महीने का स्कंद षष्ठी व्रत 25 दिसंबर 2026 को है. यह प्रमुख व्रत-त्योहार में से एक है. स्कंद षष्ठी व्रत हर महीने शुक्ल षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा अर्चना की जाती है. यह व्रत दक्षिण भारत में प्रमुख तौर पर मनाया जाता है. माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय को समर्पित इस व्रत के दिन किस विधि से पूजा करनी चाहिए इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं. चलिए स्कंद षष्ठी व्रत के पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्रों के बारे में जानते हैं.

स्कंद षष्ठी व्रत दिसंबर 2025

दिसंबर महीने में पौष माह की शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी व्रत है. यह तिथि 25 दिसंबर 2025, दिन गुरुवार की दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से 26 दिसंबर 2025, दिन शुक्रवार की सुबह 1 बजकर 43 मिनट तक रहेगी. द्रिक पंचांग के अनुसार स्कंद षष्ठी व्रत 25 दिसंबर 2025 को है.

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स्कंद षष्ठी व्रत शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह में 05:22 से 06:17
प्रातः सन्ध्या- सुबह में 05:49 से 07:12
अभिजित मुहूर्त- दोपहर में 12:01 से 12:42
विजय मुहूर्त- दोपहर में 02:05 से 02:46
गोधूलि मुहूर्त- शाम में 05:28 से 05:56
सायाह्न सन्ध्या- शाम में 05:31 से 06:53

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स्कंद षष्ठी व्रत पूजा विधि

स्कंद षष्ठी पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें. व्रत का संकल्प लें और भगवान कार्तिकेय और माता पार्वती शिव जी की प्रतिमा स्थापित करें. पंचामृत से स्नान कराएं. चंदन और फूल अर्पित करें. भगवान के समक्ष दीपक जलाएं और फल-मिठाई का भोग लगाएं. मंत्रों का जाप करें और आरती कर प्रसाद ग्रहण करें.

स्कंद षष्ठी पूजा मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय
तस्मै नकाराय नमः शिवाय।

जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं,
प्रभो पाहि आपन्नामामीश शम्भो॥

आरमुखा ओम मुरूगा
वेल वेल मुरूगा मुरूगा
वा वा मुरूगा मुरूगा
वादी वेल अज़्गा मुरूगा
अदियार एलाया मुरूगा
अज़्गा मुरूगा वरूवाई
वादी वेलुधने वरूवाई

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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