Trendingipl auctionPollutionparliament

---विज्ञापन---

Skanda Sashti 2024: आज है स्कंद षष्ठी, जानें क्या काम करें और क्या नहीं

Skanda Sashti 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज स्कंद षष्ठी का पर्व है। आज का दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। ऐसे में आज इस खबर में जानेंगे कि स्कंद षष्ठी के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व क्या है। साथ ही इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इसके बारे में भी विस्तार से जानेंगे।

Skanda Sashti 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की षष्ठी तिथि को भगवान कार्तिकेय महाराज की पूजा की जाती है। मान्यता है कि प्रत्येक माह की षष्ठी तिथि भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्कंद षष्ठी के दिन कार्तिकेय के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। कहा गया है कि यह दिन कार्तिकेय भगवान की पूजा के लिए बहुत ही शुभ है। इस दिन भक्त भगवान कार्तिकेय को फल, फूल, मिठाई और दीपक अर्पित करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग स्कंद षष्ठी के दिन विधि-विधान से कार्तिकेय भगवान की पूजा करते हैं उन्हें वीरता और शक्ति का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होता है। ज्योतिषियों के अनुसार, स्कंद षष्ठी के दिन सच्चे मन से पूजा करने से जीवन में सफलता और विजय का वरदान भी मिलता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

स्कंद षष्ठी की शुभ तिथि

पंचांग के अनुसार, स्कंद षष्ठी आज यानी 13 मई दिन सोमवार को मनाई जा रही है। इस दिन कार्तिकेय भगवान की विधि-विधान से पूजा की जाएगी।

शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, स्कंद षष्ठी आज शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 54 मिनट से लेकर सुबह के 10 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक है।

स्कंद षष्ठी की पूजा विधि

ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन सुबह उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए। साथ ही साफ-सुथरा वस्त्र धारण करना चाहिए। घर के मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करें। उसके बाद भगवान कार्तिकेय की पूजा करें। पूजा करने के बाद फल, फूल, मिठाई और मौसमी फल अर्पित करें। बाद में आरती करें और क्षमा याचना करें। साथ ही शाम को व्रत खोलें।

क्या करें क्या न करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्कंद षष्ठी के दिन किसी भी तरह का तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही मदिरा का भी सेवन नहीं करना चाहिए। बल्कि इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। जरूरतमंद को दान पुण्य करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कार्तिकेय जी को सच्चे मन से याद कर कथा का पाठ पढ़नी चाहिए। यह भी पढ़ें-  शनि देव किए हैं नक्षत्र परिवर्तन, इन 5 राशियों के जीवन में बढ़ेगी टेंशन डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 


Topics:

---विज्ञापन---