Sheetala Ashtami 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, 26 मार्च से ही हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हो गई है। हिंदू नव वर्ष का पहला माह चैत्र माह है। चैत्र माह पर्व-त्यौहार के लिहाजे से बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि इस माह में कई बड़े त्योहार पड़ते हैं। बता दें कि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन शीतलाष्टमी की पूजा की जाती है।
शीतलाष्टमी के दिन जो लोग सच्चे मन और श्रद्धा से मां शीतला की पूजा करते हैं उनकी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही बच्चों को दुष्प्रभावों से मुक्ति दिलाती हैं। असाध्य रोग से मुक्ति दिलाती है। ज्योतिषियों के अनुसार, शीतलाष्टमी के दिन मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि बासी भोजन लगाने से मां शीतला प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा बनाए रखती हैं।
कब है शीतलाष्टमी
वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2024 में शीतलाष्टमी आज यानी 2 अप्रैल दिन मंगलवार को है। मान्यता है कि शीतलाष्टमी के दिन घर में किसी भी प्रकार का ताजा भोजन नहीं पकाया जाता है। मान्यता है कि शीतलाष्टमी के एक दिन पहले ही मीठे चावल की खीर, राबड़ी, पुए, हलवा और रोटी तैयार कर लिए जाते हैं। यह पकवान अगले दिन मां शीतला को अर्पित किए जाते हैं। लोग इसी पकवान को ग्रहण भी करते हैं।
शीतलाष्टमी की पूजा विधि
ज्योतिषियों के अनुसार, शीतलाष्टमी के दिन सुबह-सुबह उठें और सबसे पहले स्नान कर निवृत हो जाएं। निवृत होने के बाद एक थाली में एक दिन पहले से ही सारे पकवान रख लें। उसके बाद पूजा की थाली में आटे का दीपक, रोली, हल्दी, अक्षत और वस्त्र, बड़कुले की माला के साथ मेहंदी और सिक्का रखें। सिक्का रखने के बाद मां शीतला की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा करते समय दीपक जलाएं और जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के बाद बचे हुए जल को घर में लाकर छिड़के। मान्यता है कि घर में जल छिड़कने से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर जो जाती हैं।