उड़द की दाल और लोहे की कील अर्पित करें
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, काले और गहरे नीले रंग की वस्तुओं और पदार्थों में शनिदेव का वास माना गया है। शनि ग्रह की प्रकृति को समझने वाले ज्योतिषियों के अनुसार, सावन शनि त्रयोदशी के दिन भगवान शनिदेव को उड़द की दाल और लोहे की कील अर्पित करनी चाहिए। इससे साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव में कमी आती है।शनि बीज मंत्र का जाप करें
सावन शनि त्रयोदशी को शनिवार का दिन है। इस दिन शनिदेव के बीज मन्त्र “ॐ शं शनिश्चराय नमः” का जाप करें। कम से कम 30 माला का जाप करें। शीघ्र ही जीवन के दुखों का नाश होगा और उन्नति का मार्ग खुल जाएगा।सरसों तेल और लाल फूल के उपाय
सावन शनि त्रयोदशी के दिन लोहे का पात्र लें और उसमें सरसों तेल भर लें। इसके बाद उसमें एक लाल रंग का फूल रख दें। फिर इस पात्र को घर के मध्य भाग यानी ब्रह्म स्थान पर रख दें। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। ये भी पढ़ें: वफादारी की मिसाल होते हैं इन 3 राशियों के लोग, दोस्ती और प्यार में दे सकते हैं अपनी जानपीपल पेड़ की पूजा
पीपल का पेड़ शनि देव का प्रिय वृक्ष माना जाता है। इस पेड़ की जड़ में जल चढ़ाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शाम में इस पेड़ पास सरसों का तेल का दीया जलाना भी शनिदेव को प्रसन्न करने का एक बेहद कारगर उपाय है।हनुमानजी की पूजा करें
किसी भी प्रकार का शनि दोष, चाहे वह साढ़ेसाती, ढैय्या या नीच दोष क्यों न, वह शनिवार को हनुमानजी की विशेष पूजा-आराधना करने से दूर हो जाते हैं। हनुमान जी शिव जी अंशावतार है। सावन शनि त्रयोदशी दिन उनकी पूजा से शिव कृपा भी प्राप्त होगी, जीवन में उन्नति होगी। ये भी पढ़ें: श्रीकृष्ण-अर्जुन…दो शरीर एक प्राण, सुभद्रा के एक वचन से दोनों में हुआ महायुद्ध; कौन जीता-कौन हारा, पढ़ें पूरी कथा ये भी पढ़ें: ये गुफा है कई देवताओं का घर, गणेश जी के कटे सिर से लेकर स्वर्ग के रास्ते के लिए है प्रसिद्ध, जानें यहां की रहस्यमयी बातें
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