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Sawan 2024: इन 5 ज्योतिर्लिंग के दर्शन से मिलती है बीमारियों से मुक्ति, श्रावणी यात्रा है विशेष फलदायी

Sawan 2024: सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए बेहद शुभ माना गया है। इस महीने में ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इनमें से कुछ ज्योतिर्लिंग ऐसे हैं, जो रोगों को दूर करने के लिए प्रसिद्ध हैं। आइए जानते हैं, ये 5 ज्योतिर्लिंग कौन-से हैं?

Sawan 2024: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। शास्त्रों में इस महीने में ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का विशेष महत्व बताया गया है। सावन के महीने में ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं और अनेक प्रकार के लाभ होते हैं। बता दें, भारत में 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर हैं, जो स्वयंभू यानी स्वयं उत्पन्न हुए हैं। कहते हैं, इनके दर्शन मात्र से भक्तों को अथाह पुण्य प्राप्त होता है। मान्यता है कि 5 ज्योतिर्लिंग धाम ऐसे हैं, जहां लोग असाध्य रोगों और बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए विशेष रूप से दर्शन करने जाते हैं। आइए जानते हैं, ये 5 ज्योतिर्लिंग कौन-से हैं, जहां लोग अपने रोगों और बीमारियों से निजात के लिए पहुंचते हैं?

घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में आदि शंकराचार्य ने कहा है कि कलियुग में इस ज्योतिर्लिंग के नाम-स्मरण से ही समस्त सांसारिक रोगों से मुक्ति मिल जाती है। यह ज्योतिर्लिंग पूर्वमुखी है, जहां भगवान सूर्य स्वयं उनकी आराधना करते हैं। मान्यता है कि आरोग्य और स्वास्थ्य के देवता सूर्य से पूजित होने के कारण सावन में घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा से असाध्य से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं।

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग

झारखंड के देवघर स्थित वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की महत्ता सबसे निराली है। ये वैद्यों के भी वैद्य है और वैद्यनाथ कहलाते हैं। यहां शिव के श्रृंगार के लिए चंदन और बेल की लकड़ी को घिसकर उसका लेप तैयार किया जाता है। जब वह लेप बाबा बैद्यनाथ चढ़ाया जाता है, वह उनके पसीने में भीग जाता है, जिसे 'घाम चंदन' कहते हैं। मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग पर रखे चंदन से असाध्य रोगों से भी छुटकारा मिलता है।

विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग

उत्तर प्रदेश के वाराणसी या काशी स्थित विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग को सभी बारहों ज्योतिर्लिंगों में श्रेष्ठ माना गया है। इसकी वजह है काशी नगरी, जो भगवान शिव की अपनी नगरी है और उनके त्रिशूल के ऊपर टिकी है। मान्यता है कि जिस रोग को डॉक्टर समझ नहीं पाते हैं, वैसे रोगी भी सावन में यहां आकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन और पूजा से स्वास्थ्य लाभ पाते हैं। ये भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2024: रक्षा बंधन पर लगा ‘पंचक’ का ग्रहण, साथ में है भद्रा; बहनें जान लें दोष निवारण उपाय

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग

पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा दक्ष के शाप के कारण चंद्रदेव को क्षय रोग हो गया, जिससे उनकी शक्ति क्षीण होने लगी। इससे प्रकृति में हाहाकार मच गया। तब चंद्रमा ने गुजरात के प्रभास पाटन में एक शिवलिंग की स्थापना भगवान शिव की आराधना की। जिससे चंद्रमा को क्षय रोग राहत मिली। मान्यता है कि यहां पूजा और उपासना से क्षय रोग, कुष्ठ रोग और त्वचा-संबंधी अन्य रोग सहित अनेक असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

भगवान राम द्वारा पूजित ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग भारत के चार धामों में से भी एक है। पुराणों के अनुसार, यहां स्थित ज्योतिर्लिंग के दर्शन से समस्त रोगों से मुक्ति मिल जाती है। मान्यता है कि यहां स्थित अग्नि तीर्थम कुंड से निकलने वाले पानी को बेहद चमत्कारी माना गया है। मान्यता है कि इसमें डुबकी लगाने से सारे दुख और बीमारियां भी दूर हो जाती हैं। ये भी पढ़ें: श्रीकृष्ण-अर्जुन…दो शरीर एक प्राण, सुभद्रा के एक वचन से दोनों में हुआ महायुद्ध; कौन जीता-कौन हारा, पढ़ें पूरी कथा ये भी पढ़ें: ये गुफा है कई देवताओं का घर, गणेश जी के कटे सिर से लेकर स्वर्ग के रास्ते के लिए है प्रसिद्ध, जानें यहां की रहस्यमयी बातें
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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