Saphala Ekadashi 2025 Date: सफला एकादशी पौष मास के कृष्ण पक्ष में मनाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण एकादशी है. यह एकादशी मुख्य रूप से भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है. इस दिन उनकी विधिपूर्वक पूजा की जाती है और भक्त मन, वचन और कर्म की शुद्धि का प्रयास करते हैं. व्रत के दौरान ध्यान, भजन, मंत्र जाप और भगवान विष्णु का स्मरण विशेष रूप से शुभ माना जाता है. हिन्दू धर्म में सफला एकादशी का व्रत पापों से मुक्ति और सुख-समृद्धि प्राप्ति के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है. कहा जाता है कि यह व्रत रुके हुए कामों और बाधाओं को भी सफल बनाने में मदद करता है.
सफला एकादशी का महत्व
'सफला' का अर्थ सफलता देने वाली होता है, इसलिए इसे एकादशी हर कार्य में सफलता का प्रतीक मानी जाती है. यह व्रत जीवन में सफलता, सौभाग्य और पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है. इस दिन विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा, उपवास (चावल वर्जित) और दान करने से सभी अटके हुए कार्य पूरे होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि इस व्रत का महात्म्य सुनना राजसूय यज्ञ के बराबर फल देता है. सफला एकादशी रखने से व्यक्ति के सभी रुके हुए काम सफल होते हैं, जीवन में सुख-समृद्धि आती है, आध्यात्मिक उन्नति होती है और इस जीवन के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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कब है सफला एकादशी 2025?
पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 14 दिसंबर की शाम 6:49 बजे शुरू होगी और 15 दिसंबर की रात 9:19 बजे तक रहेगा. उदयातिथि नियम के अनुसार, इस साल सफला एकादशी सोमवार, 15 दिसंबर 2025 को पड़ रही है. व्रत रखने वाले लोग 16 दिसंबर की सुबह 7:07 बजे से 9:11 बजे के बीच अपना व्रत पारण यानी तोड़ सकते हैं. वहीं, उसी दिन रात 11:57 बजे द्वादशी समाप्त हो जाएगी.
सफला एकादशी 2025: शुभ मुहूर्त
सफला एकादशी 2025 की पूजा 15 दिसंबर को किसी भी समय की जा सकती है. लेकिन, विशेष प्रयोजनों और उद्देश्यों के लिए इस दिन के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 05:17 AM से 06:12 AM तक
प्रातः सन्ध्या: 05:44 AM से 07:06 AM तक
अभिजित मुहूर्त: 11:56 AM से 12:37 PM तक
विजय मुहूर्त: 02:00 PM से 02:41 PM तक
गोधूलि मुहूर्त: 05:24 PM से 05:51 PM तक
सायाह्न सन्ध्या: 05:26 PM से 06:48 PM तक
अमृत काल: 04:15 AM, दिसम्बर 16 से 06:03 AM, दिसम्बर 16 तक
निशिता मुहूर्त: 11:49 PM से 12:44 AM, दिसम्बर 16 तक
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।