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Pitru Paksh 2024: पितृपक्ष में इन 5 संकेतों को न करें इग्नोर, ये हो सकते हैं बुरा वक्त आने का इशारा!

Pitru Paksh 2024: इस साल पितृपक्ष 17 सितंबर से शुरू हो है, जो 2 अक्टूबर तक चलेगा। यदि इस दौरान कुछ अजीब दिखाई दे या महसूस हो तो उसे इग्नोर नहीं करना चाहिए। आइए जानते है कि पितृपक्ष में किन 5 संकेतों का दिखना अशुभ माना गया है?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Sep 12, 2024 09:37
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Pitru Paksh 2024: पितृपक्ष हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान भी है और एक पर्व भी, जिसमें पूर्वजों और पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है। धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि इस दौरान पितरों की आत्माएं पृथ्वी पर आती हैं और भोग-पिंडदान आदि ग्रहण करती है। मान्यता है कि उनके आशीर्वाद से परिवार का कल्याण होता है।

कहते हैं, जब पूर्वजों और पितरों का धरती पर आगमन होता है, तो वे प्रसन्न या नाराज होने के संकेत देते हैं। पितृपक्ष में विशेष कर ऐसा होता है। इस बार पितृपक्ष 17 सितंबर से 2 अक्तूबर 2024, तक है। आइए जानते हैं कि पितृपक्ष में कौन-से संकेतों को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए?

पितृपक्ष से पहले शुभ कार्यों में अड़चन

हिंदू धर्म में माना जाता है कि पितृ दोष होने पर व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं आती हैं। इनमें से एक समस्या शुभ कार्यों में अड़चन आना भी हो सकता है। पितृ पक्ष से पहले शुभ कार्य में अड़चन आना यह संकेत दे सकता है कि पितर प्रसन्न नहीं हैं और पितृदोष हावी है या घर में कोई नकारात्मक ऊर्जा है।

घर में लाल चींटियों का दिखना

पितृपक्ष में घर में अचानक से लाल चींटियों का दिखने को धर्म ग्रंथों में एक अशुभ संकेत माना जाता है। इनका दिखना पितृ दोष का संकेत हो सकता है। पितृ दोष का मतलब है पितरों का आशीर्वाद न मिलना, उनका रुष्ट या उनका क्रोधित होना। यह धन हानि को बढ़ावा है और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ता है।

कुत्ते का रोना

पितृपक्ष में कुत्ते का रोना पितरों का संदेश माना जाता है। यह संदेश हो सकता है कि पितर प्रसन्न नहीं हैं या उन्हें कुछ चाहिए। यदि साल के बाकी दिनों में कुत्ते के रोने की आवाज सुनाई न दें लेकिन पितृपक्ष आते ही ऐसा होने लगे तो यह बेहद अशुभ होता है। कुत्ते का रोना किसी व्यक्ति की बीमारी या मृत्यु का संकेत देता है।

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तुलसी का सूखना

पितृ पक्ष में तुलसी का सूखना और अधिक चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि इस दौरान पितरों का श्राद्ध किया जाता है। यहां यह भी समझना जरूरी है, तुलसी का जो पौधा पूरे साल हरा-भरा था, वह पितृपक्ष में ही क्यों सूख रहा है? यदि तुलसी सूख जाती है तो ऐसा माना जा सकता है कि पितर प्रसन्न नहीं हैं। यह घर पर महासंकट आने की निशानी माना गया है।

कौओं का आना

पितृपक्ष में कौओं का घर पर बार-बार मंडराना या झुंड में आना पूर्वजों और पितरों के धरती पर आने का संकेत माना गया है। यदि ये चुपचाप आते हैं और दिए हुए भोजन को खाकर चले जाते हैं, तो यह अच्छा माना गया है। वहीं वे कौए आपस में झगड़ा करते हैं और बिना कुछ खाए उड़ जाते हैं, तो इसे पितरों के नाखुश होने का संकेत माना गया है।

ये सभी संकेत कई अन्य कारणों से हो सकते हैं, लेकिन विशेष कर पितृपक्ष इनका दिखना केवल संयोग नहीं होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह पितृ दोष या अन्य अशुभ शक्तियों का संकेत हो सकता है। इसलिए, अगर आपके साथ ऐसा होता है तो किसी अनुभवी और योग्य पंडित से सुझाव लेकर उपयुक्त उपायों को करना चाहिए।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Shyam Nandan

First published on: Sep 12, 2024 09:37 AM

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