पितृ दोष
पितृ दोष तब होता है जब हमारे पूर्वजों की आत्मा असंतुष्ट रहती है। इसके साथ ही यह तब होता है जब उनके लिए आवश्यक कर्म जैसे—
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तर्पण
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श्राद्ध
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पिंडदान
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सेवा या स्मरण पूर्ण रूप से नहीं किए जाते।
यह दोष जीवन में बाधाएं, रिश्तों में दरार, संतान संबंधी समस्याएं, और मानसिक तनाव का कारण बनता है।
कालसर्प दोष
कालसर्प दोष तब बनता है जब जन्म कुंडली के सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। यह दोष आपके जीवन में:
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निरंतर संघर्ष
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भय
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बार-बार असफलता
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आर्थिक नुकसान
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मानसिक बेचैनी जैसी परेशानियां लेकर आता है।
पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय
यदि आपको लग रहा है कि आपकी समस्याएं लगातार बनी हुई हैं और कोई स्पष्ट कारण नहीं मिल रहा है तो नीचे दिए गए उपायों को आजमा सकते हैं।
गंगा तट पर शाम का विशेष उपाय
- शाम के समय गंगा तट पर जाएं, जहां शांति और सकारात्मक वातावरण हो।
- एक मिट्टी या पत्ते का दीया जलाएं और उसमें घी डालकर गंगा में प्रवाहित करें।
- एक फूलों से भरा दोना लें और उसे भी गंगा में प्रवाहित करें।
- फिर आंखें बंद कर अपने पितरों का ध्यान करें और हाथ जोड़कर उनसे क्षमा मांगे।
- यह उपाय प्रतिदिन शाम के समय करें
सच्ची श्रद्धा और सत्कर्म ही समाधान है
ध्यान रहे ये उपाय तभी फल देते हैं जब आपके अंदर सच्ची श्रद्धा, संयम और भक्ति होती है। इसके साथ ही आप अपने पितरों और भगवान के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना रखते है।
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