Trendingipl auctionPollutionparliament

---विज्ञापन---

Navratri 2024: देश का अनूठा शक्तिपीठ जहां गर्भगृह में नहीं है कोई प्रतिमा, आंख पर पट्टी बांधकर की जाती है पूजा

Navratri 2024: गुजरात का अंबाजी मंदिर भारत के प्रसिद्ध 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां देवी की कोई मूर्ति नहीं है। भक्त आंखों पर पट्टी बांधकर एक विशेष यंत्र की पूजा करते हैं। आइए जानते हैं, अंबाजी शक्तिपीठ से जुड़ी उपयोगी और रोचक बातें।

Navratri 2024: गुजरात में स्थित अंबाजी मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है, जो अंबाजी कस्बे के पास गब्बर नाम की एक पहाड़ी पर स्थित है। कहते हैं, यहां तब से एक बेहद प्राचीन मंदिर है, जब मूर्ति पूजा की शुरुआत भी नहीं हुई थी। यह मंदिर मां दुर्गा के एक रूप देवी अंबा को समर्पित है। मां अंबा शक्ति का अवतार मानी गई हैं। 3 अक्टूबर, 2024 से नवरात्रि पूजा की शुरुआत हो रही है, आइए इस शुभ मौके पर जानते हैं, अंबाजी शक्तिपीठ से जुड़ी उपयोगी और रोचक बातें।

मूर्ति की जगह होती है इसकी पूजा

मान्यता है कि देवी सती के शरीर के टुकड़े जहां-जहां गिरे, वहां शक्तिपीठ स्थापित हुए। अंबाजी में देवी सती का हृदय गिरा था। इस मंदिर के सबसे अनूठे पहलुओं में से एक यह है कि इसमें कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि देवी के प्रतीक 'श्री विसा यंत्र' की पूजा की जाती है, जो एक पर्दे में ढकी रहती है। मंदिर के पुजारियों ने शक्ति-स्थल को इस तरह सजाया है कि यह एक मूर्ति जैसा दिखता है। अंबाजी मंदिर में आकर एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव होता है। यह भी यहां की एक खासियत है। ये भी पढ़ें: Navratri 2024: नवरात्रि के 9 दिन और 9 रंग, जानें किस दिन किस रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से प्रसन्न होंगी देवी

श्री विसा यंत्र क्या है?

श्री विसा यंत्र, जिसे श्री दुर्गा बीसा यंत्र भी कहते हैं, मां दुर्गा का एक शक्तिशाली यंत्र है। यह यंत्र धन, संपत्ति, स्वास्थ्य, सौभाग्य, और परिवार संरक्षण के लिए माना जाता है। मान्यता है कि इस यंत्र की पूजा करने से बुरे सपने दूर होते हैं और सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। यह त्रिकोण के आकार का होता है और इसमें एक केंद्र और उसके आस-पास नौ त्रिकोण के खाने होते हैं। इन खानों में 1 से 9 तक के अंक लिखे होते हैं और त्रिकोण के केंद्र में 'दुं' लिखा होता है। यंत्र के तीन ओर 'ओम दुं दुं दुं दुर्गायै नम:' मंत्र लिखा होता है। मान्यता है कि श्री यंत्र जिस जगह पर भी होता है, वहां का वातावरण शुद्ध और पवित्र हो जाता है।

आंखों पर पट्टी बांधकर होती है पूजा

अंबाजी शक्तिपीठ में स्थापित श्री विसा यंत्र इतना पवित्र है कि भक्तों को यंत्र देखने की अनुमति नहीं है। चूंकि इसे नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता और इसकी फोटो भी नहीं ली जा सकती। इसकी पूजा करने के लिए आंखों पर पट्टी बांधी जाती है। मान्यता है कि इस तरह पूजा करने से भक्त देवी के साथ एक अद्वितीय संबंध स्थापित कर पाते हैं।

कैसे पहुंचे अंबाजी मंदिर?

अंबाजी मंदिर की प्रसिद्धि यूं तो पूरे देश में है, लेकिन गुजरात के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि राज्यों से सबसे अधिक भक्त यहां आते हैं। अंबाजी नगर पहुंचने के लिए सड़क मार्ग सबसे अच्छा है। यहां आने के लिए निकटतम हवाई अड्डा अहमदाबाद है, जो 175 किलोमीटर दूर है। वहीं, निकटतम बड़ा रेलवे स्टेशन आबू रोड है, जो यहां से मात्र 21 किलोमीटर दूर है। ये भी पढ़ें: Sharad Purnima 2024: चांद की रोशनी में क्यों रखते हैं खीर? जानें महत्व और नियम ये भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: इन 9 चीजों के बिना अधूरी रहती है छठ पूजा, 5वां आइटम है बेहद महत्वपूर्ण! डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


Topics:

---विज्ञापन---